कोलकाता के जाधवपुर विश्वविद्यालय में 19 सितंबर को एक कार्यक्रम में शामिल होने गए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो के साथ छात्रों के एक गुट ने कथित तौर पर धक्का-मुक्की की थी.
केरल के कालीकट विश्वविद्यालय के एक कॉलेज की बीए की छात्रा ने हॉस्टल में मोबाइल इस्तेमाल न करने के आदेश को चुनौती दी थी. हॉस्टल में रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लड़कियों को मोबाइल के इस्तेमाल की अनुमति नहीं थी.
2016 में हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधार्थी रोहित वेमुला और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने कथित तौर पर जातिगत भेदभाव के चलते आत्महत्या कर ली थी. दोनों की माताओं ने शीर्ष अदालत से विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में ऐसे भेदभाव को ख़त्म किए जाने का अनुरोध किया है.
वामपंथी छात्र संगठनों एआईएसए, एसएफआई, एआईएसएफ और डीएसएफ के संयुक्त मोर्चे की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आईशी घोष जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष चुनी गई हैं. उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मनीष जांगिड़ को हराया है. एसएफआई को 13 साल बाद अध्यक्ष पद मिला है.
बीएचयू के कुलपति राकेश भटनागर ने बताया कि प्रोफेसर एसके चौबे की बहाली के निर्णय पर एग्जीक्यूटिव काउंसिल पुनर्विचार करेगी. काउंसिल का अंतिम फैसला आने तक प्रोफेसर चौबे को अवकाश पर जाने को कहा गया है.
दलित प्रोफेसर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन और प्राचीन इतिहास विभाग से जुड़े हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि दो साल पहले दिए गए उनके भाषण से संबंधित वीडियो में छेड़छाड़ कर उसे प्रसारित किया जा रहा है.
टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग की संपादक एली बोथवेल ने कहा कि इस साल की शीर्ष 300 वैश्विक विश्वविद्यालयों की सूची से भारत का बाहर होना और सिर्फ मुट्ठी-भर संस्थानों का प्रगति करना काफी निराशाजनक है.
विशेष रिपोर्ट: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के एक प्रोफेसर पर छात्र-छात्राओं ने छेड़खानी और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया था. विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति ने इन्हें जांच में सही पाया और आरोपी प्रोफेसर पर कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
छात्रसंघ चुनाव में काउंसिलर पद के लिए खड़े दो छात्रों का आरोप है कि प्रशासन ने ग़लत तरीके से उनका नामांकन ख़ारिज किया है, जिसके ख़िलाफ़ उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की है.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छह सितंबर को छात्रसंघ चुनाव है. ‘लेफ्ट यूनिटी’ के तहत एसएफआई, डीएसएफ, आइसा और एआईएसएफ, बापसा के साथ फ्रैटर्निटी और एनएसयूआई के साथ एमएसएफ चुनाव मैदान में हैं. एबीवीपी और छात्र-राजद बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ रहे हैं.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया कि उसने यह पत्र किसी की सेवा को खत्म करने के लिए नहीं बल्कि विश्वविद्यालय की सर्वोच्च वैधानिक निकाय कार्यकारी परिषद द्वारा समीक्षा करने की जानकारी देने के लिए लिखा है और ऐसा अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों जैसे एमआईटी और प्रिसंटन विश्वविद्यालय में भी होता है.
किसी यूनिवर्सिटी के बर्बाद होने का जितना सामाजिक और राजनीतिक समर्थन भारत में मिलता है, उतना कहीं नहीं मिलेगा. हम बगैर गुरुओं के भारत को विश्व गुरु बना रहे हैं. रोमिला थापर को भारत को विश्व गुरु बनाने के प्रोजेक्ट में सहयोग करना चाहिए. बस इतनी गुज़ारिश है कि सीवी में अंग्रेज़ी थोड़ी हल्की लिखें वरना उन पर संस्कृत की उपेक्षा का इल्ज़ाम लग सकता है.
प्रशासन ने कहा कि रोमिला थापर का सीवी यानी कि उनका शैक्षिक एवं कार्य अनुभव देखने के बाद यह फैसला किया जाएगा कि वह बतौर प्रोफेसर पढ़ाना जारी रखेंगी या नहीं. फिलहाल थापर जेएनयू में प्रोफेसर एमेरिटस हैं.
कथित तौर पर जातिगत भेदभाव को ज़िम्मेदार बताते हुए हैदराबाद विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे रोहित वेमुला ने साल 2016 में और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने आत्महत्या कर ली थी.
दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य छात्र संगठन एनएसयूआई और आइसा ने विरोध करते हुए कहा है कि सावरकर को नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह के समकक्ष नहीं रखा जा सकता. उन्होंने 24 घंटों के भीतर मूर्तियां नहीं हटाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू करने की धमकी दी.