आरोप-पत्र में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि साल 2016 में जेएनयू में हुए कार्यक्रम के दौरान पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भीड़ को भारत विरोधी नारे लगाने के लिए उकसाया था.
नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ प्रदर्शन असम में जारी है. प्रदर्शनों में मुख्य रूप से छात्र-छात्राएं शामिल हैं. भाजपा नेता प्रदीप दत्ता रॉय ने धमकी दी थी कि छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने आए हैं तो वही करें, राजनीति में न शामिल हों.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने बुधवार को कहा, 'मामला अंतिम दौर में है. जांच जटिल थी क्योंकि बयान लेने के लिए टीम को अन्य राज्यों का भी दौरा करना पड़ा था.'
कुलपतियों के कारनामे अब देश के विश्वविद्यालयों का मौसम बन गए हैं. विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठा और गुणवत्ता दोनों पर दाग लग रहे हैं. बड़बोलेपन में राजनीतिक नेताओं को भी मात करने वाले कुलपतियों के ही कारण देश के कई बड़े और श्रेष्ठ उच्च शिक्षण संस्थान इन दिनों बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं.
उत्तर प्रदेश के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव ने कहा था कि अगर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हो तो मेरे पास रोते हुए मत आना, बल्कि कभी झगड़ा हो तो पीटकर आना और ज़रूरत पड़े तो मर्डर कर देना, बाकी मैं देख लूंगा.
जेएनयू के छात्र नजीब अहमद 2016 से लापता हैं. बीते अक्टूबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को क्लोज़र रिपोर्ट सौंपने की अनुमति दी थी.
नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया की एक छात्रा उमैया ख़ान को हिजाब पहनने की वजह से यूजीसी नेट-परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई थी.
साल 2016 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाने को लेकर राजद्रोह के आरोपों में कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को गिरफ़्तार किया गया था.
छात्रों का आरोप है कि पिछले साल शुरू हुई शुद्ध शाकाहारी मेस की मांग अब पूरी तरह छुआछूत में बदल गई है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष अंकिव बैसोया ने फ़र्ज़ी डिग्री विवाद को लेकर 15 नवंबर को इस्तीफ़ा दे दिया था. दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए दोबारा चुनाव कराने से इनकार किया.
एबीवीपी ने छात्रसंघ अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने को कहा. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष अंकिव बैसोया की तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय से बीए डिग्री को एनएसयूआई ने फ़र्ज़ी डिग्री बताकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
सीसीएस जैसे क़ानूनों का उद्देश्य उच्च शिक्षा के उद्देश्यों को ही ध्वस्त कर देना है. उच्च शिक्षा में विकास तब तक संभव नहीं है जब तक विचारों के आदान-प्रदान की आज़ादी नहीं हो. अगर इन संस्थाओं की ये भूमिका ही समाप्त हो जाए तो उच्च शिक्षा की आवश्यकता ही क्या रहेगी? शिक्षक और शोधार्थी सरकारी कर्मचारी की तरह व्यवहार नहीं कर सकते.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने दिया आदेश. 12,460 सहायक शिक्षकों का चयन अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में हुआ था जबकि 68,500 शिक्षकों की चयन प्रक्रिया अभी की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में चल रही है.
छात्र नेता अच्युतानंद शुक्ला की विभिन्न मामलों में पुलिस को तलाश थी. उन पर 25 हज़ार रुपये का ईनाम भी घोषित था.
हिंदुत्ववादी विचारक राजीव मल्होत्रा के साथ पत्रकार से राज्यसभा सांसद बने भाजपा समर्थक स्वपन दासगुप्ता भी विश्वविद्यालय द्वारा मानद प्रोफेसर बनाए गए हैं.