मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक बैठक के दौरान उन्हें बताया कि उनकी सरकार बांग्लादेश से आए ज़ो जनजाति के लोगों को वापस नहीं भेज सकती है. राज्य के गृह विभाग के मुताबिक, 2022 से बांग्लादेश के लगभग 2,000 ज़ो जनजाति के लोगों ने मिज़ोरम में शरण ली है.
असम में इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफ़ान से अब तक 56 लोगों की जानें जा चुकी हैं. पिछले कुछ दिनों में नगालैंड में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है. वहीं, मणिपुर में लगातार बारिश के चलते सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं.
यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले भारतीय मूल के एक प्रोफेसर पर मणिपुर में जातीय हिंसा भड़काने की एफआईआर की निंदा करते हुए कुकी छात्र संगठन ने कहा कि यह कार्रवाई राज्य सरकार की कमियां बताने वालों को निशाना बनाने की प्रवृत्ति को दिखाती है.
नगालैंड में चुनावी राजनीति ने महिलाओं का विरोध होता आया है. सरकार ने शहरी निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया था, जिसके बाद आदिवासी इकाइयों ने कड़ा विरोध किया है. इस हफ्ते दो दशकों में पहली बार यह चुनाव हुए हैं, जिसमें 80 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज हुआ.
पिछले साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों का नाम बदलकर 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' किया था. मिज़ोरम और नगालैंड ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी और चर्च व नागरिक समाज की ओर से विरोध हो सकता है.
मणिपुर के कुकी-ज़ो समुदाय ने राज्य के चार ज़िलों में रैलियां निकालते हुए जातीय हिंसा को समाप्त करने और आदिवासियों के लिए ‘केंद्र शासित प्रदेश’ बनाने की मांग उठाई. वहीं, मेईतेई बहुल इंफाल घाटी में महिलाओं ने रैली कर कुकी-ज़ो समुदाय की अलग प्रशासन की मांग का कड़ा विरोध किया.
घटना असम के शिवसागर ज़िले की है, जहां एक घर से मोबाइल फोन चोरी करने के संदेह में दो लोगों की भीड़ ने बेरहमी से पिटाई की. पुलिस टीम ने दोनों लोगों को बचाया और उन्हें स्थानीय अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि कि भाजपा ने असमिया लोगों और आदिवासियों के लिए काम किया, लेकिन बांग्लादेशी मूल के अल्पसंख्यकों ने सत्तारूढ़ पार्टी को वोट नहीं दिया.
मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने एक साक्षात्कार में कहा कि 14 महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के चूड़ाचांदपुर, कांगपोकपी या मोरेह जैसे अशांत क्षेत्रों में बहुसंख्यक समुदाय के न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति संभव नहीं है.
मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह के पास टी मोथा में अज्ञात हमलावरों ने एक स्कूल की इमारत में आग लगा दी, वहीं जिरीबाम ज़िले के कालीनगर में खाली पड़े घरों और दुकानों में आगजनी हुई. इस बीच राज्य सरकार ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए कैबिनेट उपसमिति बनाने की बात कही है.
मणिपुर: जिरीबाम हिंसा के बीच मेईतेई-कुकी समूहों ने हिंसा से निपटने में केंद्र की भूमिका पर सवाल उठाए
मणिपुर में पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा से अछूते रहे जिरीबाम ज़िले में हिंसा फैलने के बीच कुकी संगठनों ने केंद्र और केंद्रीय सुरक्षा बलों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. वहीं, मेईतेई संगठन ने कहा कि केंद्र स्थिति से निपटने में 'तटस्थ रुख़' अपना रहा है.
मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में बीते 6 जून को एक व्यक्ति की बर्बर हत्या के बाद हिंसा भड़की थी और उग्र भीड़ ने दो पुलिस चौकियों, एक वन विभाग कार्यालय और कम से कम 70 घरों को आग लगा दी थी. अब घटना के बाद लगभग 2,000 लोग विस्थापित होकर असम पहुंचे हैं.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह मंगलवार को हिंसा प्रभावित जिरीबाम ज़िले के दौरे पर जाने वाले थे, जिसकी तैयारी के लिए सुरक्षाकर्मियों का एक दल ज़िले की ओर ही जा रहा था, रास्ते में ही वह संदिग्ध उग्रवादियों के हमले का शिकार हो गया.
मणिपुर के सीमावर्ती ज़िले जिरीबाम में गुरुवार को उस समय तनाव फैल गया जब अज्ञात हमलावरों ने एक 56 वर्षीय व्यक्ति का अपरहरण कर उनकी बर्बर तरीके से हत्या कर दी. इसके विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद राज्य सरकार ने ज़िले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू घोषित लगा दिया है.
एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां नदियां उफान पर हैं और तीन जिलों में 5,35,246 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. उधर, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और प्रशासन दोनों ही चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, इसलिए आपदा प्रबंधन के लिए इंतज़ामम अपर्याप्त हैं.