भोपाल गैस त्रासदी 20वीं सदी की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल पेशे से जुड़ी दुर्घटनाओं और काम के चलते हुईं बीमारियों से 27.8 लाख कामगारों की मौत हो जाती है. इनकी वजह तनाव, काम के लंबे घंटे और बीमारियां हैं. ये भी बताया गया है कि पुरुषों की तुलना में सबसे ज़्यादा महिलाएं प्रभावित होती हैं.

चीफ जस्टिस पर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने लगाए यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोप

सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को भेजे गए हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जूनियर कोर्ट असिस्टेंट ने आरोप लगाया है कि अक्टूबर 2018 में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने घर पर बने ऑफिस में उसके साथ बदसलूकी की थी, जिसका विरोध करने के बाद उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल का आरोपों से इनकार.

पश्चिम बंगालः चुनाव आयोग का नोडल अधिकारी लापता, आयोग ने रिपोर्ट मांगी

राज्य प्रशासनिक सेवा के 2010 बैच के अधिकारी अर्नब रॉय राणाघाट लोकसभा क्षेत्र के कृष्णानगर में बतौर नोडल अधिकारी के रूप में ईवीएम एवं वीवीपैट प्रभारी की ज़िम्मेदारी संभाल रहे थे.

मुस्लिमों की नस्लों को बर्बाद करने के लिए नरेंद्र मोदी को वोट देंः भाजपा नेता

भाजपा के वरिष्ठ नेता रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने बाराबंकी में एक जनसभा के दौरान कहा कि पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद चीन से मशीनें मंगाकर मुस्लिमों की हजामत कराएगी और फिर इनका जबरन धर्म-परिवर्तन करा हिंदू बनाएगी.

जिस गांव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोद लिया था क्या वह ‘आदर्श’ बन पाया?

ग्राउंड रिपोर्ट: साल 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी ने ज़िले के जयापुर गांव को आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था.

करकरे पर प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर आईपीएस एसोसिएशन ने कहा- शहीदों के बलिदान का सम्मान होना चाहिए

आईपीएस एसोसिएशन ने भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को 'श्राप' देने वाले बयान की निंदा की है.

मेघालय: चक्रवात से 700 गांवों के 10,500 परिवार प्रभावित

चक्रवात से पश्चिमी गारो पहाड़ी,पश्चिमी ख़ासी पहाड़ियों, पूर्वी जैंतिया और पश्चिमी जैंतिया पहाड़ी ज़िले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

सेना द्वारा मानव ढाल बनाए गए फ़ारूक़ अहमद डार की लोकसभा चुनाव में लगी ड्यूटी

साल 2017 में 9 अप्रैल को श्रीनगर-बडगाम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान मेजर लीतुल गोगाई ने अपनी जीप के आगे फ़ारूक़ अहमद डार को मानव ढाल के तौर पर बांधकर तकरीबन 28 गांवों में घुमाया था.

नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद भाजपा ने गोरखपुर से रवि किशन को टिकट क्यों दिया?

विशेष रिपोर्ट: गोरखपुर में भाजपा आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही है. प्रत्याशी चयन में एक महीना लगना और इस दौरान दर्जन भर नेताओं का नाम आना व ख़ारिज होना इसका उदाहरण है. आखिर में ऐसे प्रत्याशी को ‘आयात’ करना पड़ा, जिसे लेकर पार्टी और समर्थकों में उत्साह नहीं दिख रहा है.

श्रीनगर लोकसभा सीट के 90 मतदान केंद्रों पर किसी के वोट न डालने की सूचना

श्रीनगर लोकसभा सीट के तहत आठ विधानसभा सीटें हैं. सूत्रों ने बताया कि ईदगाह, खनयार, हब्बा कदल और बटमालू इलाकों में स्थित मतदान केंद्रों पर किसी ने वोट नहीं डाला. महाराष्ट्र के उस्मानाबाद ज़िले के दो गांवों के लोगों ने भी सड़क और पुनर्वास की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया.

प्रेस की आज़ादी के मामले में भारत दो पायदान फिसला, चुनाव का समय पत्रकारों के लिए बेहद ख़तरनाक

रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स की ओर से जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में से 140वें स्थान पर है. 2018 में अपने काम की वजह से भारत में कम से कम छह पत्रकारों की मौत हुई थी.

केरल हाईकोर्ट ने कहा, सरकार या सेना के ख़िलाफ़ बयानबाज़ी राजद्रोह नहीं 

यह मामला 2006 का है. सिमी की कथित खुफिया बैठक मामले में केरल हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अदालत द्वारा दोषी क़रार दिए गए पांचों मुस्लिमों को बरी किया.

क्या भाजपा मध्य प्रदेश में फिर से 2014 का प्रदर्शन दोहराने की स्थिति में है?

राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों ही लोकसभा चुनावों में अच्छे प्रदर्शन के बढ़-चढ़कर दावे कर रहे हैं. कांग्रेस 20 से अधिक सीटों पर तो भाजपा सभी 29 सीटों पर जीत मिलने का दावा कर रही है, लेकिन दोनों के दावे हक़ीक़त से कोसों दूर हैं.

नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशनल स्कीम: 20 लाख युवाओं को करना था रोज़गार के लिए तैयार, हुए सिर्फ 2.90 लाख

मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: 2016 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य रोज़गार के अवसर पैदा करना और युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोज़गार देना था. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 31 मार्च 2018 तक 20 लाख प्रशिक्षुओं को तैयार करने का लक्ष्य था, जिसमें से केवल 2.90 लाख प्रशिक्षु तैयार हुए. इनमें से भी महज़ 17, 493 को इस योजना का लाभ मिला.