गौरी का अख़बार उनके तेज़तर्रार और तर्कवादी पिता की ही तरह धर्मनिरपेक्षता, दलितों, महिलाओं और समाज में पिछड़े लोगों के अधिकारों के प्रति मुखर रहता था.
जनता को नहीं पता होता कि उसके साथ सत्ता क्या कर रही है. ऐसे मेें ख़तरा उनसे होता है जो जनता से उनकी भाषा में सत्ता का सच बताते हैं. इसलिए उन्हें ख़ामोश करने की कोशिश की जाती है.
जन गण मन की बात की 113वीं कड़ी में विनोद दुआ बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या और भारत के रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने के मामले पर चर्चा कर रहे हैं.
देश के विभिन्न राज्यों के पत्रकार संगठनों समेत आम नागरिकों ने इस जघन्य हत्या की निंदा की. अमेरिकी दूतावास और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी चिंता जताई.
डराने की कोई साज़िश गौरी जैसी निडर आवाज़ों को नहीं दबा सकती.
हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक राजनीति की कट्टर विरोधी गौरी लंकेश कर्नाटक से निकलने वाली साप्ताहिक पत्रिका ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं.
बेंगलुरु में मंगलवार रात वरिष्ठ पत्रकार और संपादक गौरी लंकेश की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई.
हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक राजनीति की कट्टर विरोधी गौरी लंकेश कर्नाटक से निकलने वाली साप्ताहिक पत्रिका ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं.
मीडिया बोल की 13वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश शायर गौहर रज़ा और पत्रकार अनुराधा रमण के साथ ज़ी न्यूज़ पर लगे जुर्माने और झूठी ख़बरों के कारोबार पर चर्चा कर रहे हैं.
मीडिया बोल की 12वीं कड़ी में उर्मिलेश राजनीतिक विश्लेषक अभय कुमार दुबे और वरिष्ठ पत्रकार पूर्णिमा जोशी से गुरमीत राम रहीम को मिली सज़ा और मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.
पत्रकारिता विश्वविद्यालयों को चढ़ा बाबागिरी का बुखार. आईआईएमसी में हवन के बाद अब माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय करेगा गोसेवा.
जांच एजेंसी ने आरोप पत्र में आपराधिक साजिश और हत्या का आरोप लगाया है.
क्या आम्रपाली और जेपी समूह के सताए फ्लैट ओनर पुलिस की गोली से मारे जा रहे किसानों को लेकर व्यथित हुए होंगे, क्या जंतर मंतर पर होने वाले धरनों से सहानुभूति रखते होंगे? क्या कभी नर्मदा के विस्थापितों के लिए अनशन कर रहीं मेधा पाटकर के लिए कुछ सोचा होगा?
मीडिया बोल में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ‘राइज़िंग कश्मीर’ के संपादक सैयद शुजात बुख़ारी और वरिष्ठ पत्रकार अशोक टंडन के साथ कश्मीर, धारा 35A के विवाद और मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.
कुछ मेडिकल कॉलेजों के एडमिशन पर रोक लगाई गई थी. कॉलेज घूस देकर फैसला बदलवाना चाहते थे. इसमें इंडिया टीवी के पत्रकार हेमंत शर्मा का नाम आया था.