‘बीसीसीआई में अयोग्यों को बढ़ावा दे रहे हैं विनोद राय’

बीसीसीआई में बीते 5 सालों से जारी उठापटक के मूल में बिहार क्रिकेट का मुद्दा रहा है. क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा से बातचीत.

आज के दिन शुरू हुआ वो उपवास जो गांधीजी के लिए आख़िरी साबित हुआ

आज़ादी के बाद दिल्ली में ख़ूनखराबे का सिलसिला जारी था. इसके विरोध में गांधीजी ने 12 जनवरी 1948 को घोषणा की कि वह अगले दिन यानी 13 जनवरी से उपवास शुरू करेंगे.

न्यायाधीशों की ओर से उठाए गए मुद्दे, न्यायपालिका का आंतरिक मामला: सरकारी सूत्र

उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा शीर्ष न्यायालय में स्थिति ठीक नहीं बताए जाने के बयान पर कांग्रेस ने कहा कि लोकतंत्र ख़तरे में है.

इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस, चीफ जस्टिस पर उठाए सवाल

जस्टिस जे. चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को नहीं बचाया गया तो लोकतंत्र नाकाम हो जाएगा.

आज जो भाजपा है वह अटल और आडवाणी की भाजपा नहीं है: यशवंत सिन्हा

वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने आरोप लगाया कि विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने जिन मुद्दों का विरोध किया था, सरकार में आने के बाद उन मुद्दों को स्वीकार कर रही है.

जेएनयू के कुलपति पर विश्वविद्यालय को स्कूल बनाने का आरोप क्यों लग रहा है?

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य करने के प्रशासन के फैसले को छात्र-छात्राएं और शिक्षकों का एक समूह जेएनयू की परंपरा के ख़िलाफ़ बता रहा है.

मोदी सरकार लोकतंत्र और संविधान के लिए ख़तरा: मेवाणी

दिल्ली के संसद मार्ग पर मंगलवार को हुई युवा हुंकार रैली में वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि वे संविधान और मनुस्मृति में से किसे चुनेंगे.

दलितों का देश कहां है महराज?

भाजपा सत्ता में आने के बाद यह कह रही है कि आंबेडकर उसके लिए प्रातः स्मरणीय हैं लेकिन उन्हीं के संगठन और सरकार से संबंधित लोग मनुस्मृति के गौरवगान के साथ संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं.

क्या जिस राजनीति को बदलने ‘आप’ आई थी उसने ‘आप’ को ही बदल दिया?

आप की राजनीति पर नज़र रखने वालों का कहना है कि जिस नेता ने भी अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई या उनसे असहमति व्यक्त की, उसे खामियाज़ा भुगतना पड़ा है.

मौन मोदी: प्रधानमंत्री को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से डर क्यों लगता है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के पूरा होने में करीब 16 महीने का वक़्त बाकी रह गया है. लेकिन उन्हें ख़ुद को और अपनी सरकार को स्वतंत्र प्रेस के प्रति जवाबदेह बनाने की ज़रूरत आज तक महसूस नहीं हुई है.

क्या भारत की राजनीति ने अपना धर्म चुन लिया है?

कभी हाशिये पर रही हिंदुत्व की राजनीति आज मुख्यधारा की राजनीति बन चुकी है. संघ के लिए इससे बड़ी सफलता भला और क्या हो सकती है कि देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां नरम/गरम हिंदुत्व के नाम पर प्रतिस्पर्धा करने लगें.

उत्तराखंड: भाजपा सरकार ने आदेश दिया मदरसे मोदी की तस्वीर लगाएं, मदरसों ने कहा नहीं लगाएंगे

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने कहा, व्यक्ति से कोई विरोध नहीं, इस्लाम में मस्जिदों और मदरसों के अंदर जीवित चीज़ों या इंसानों की तस्वीरें लगाने की मनाही है.

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