‘जीएसटी लागू करने को लेकर सरकार ने छोटे व्यापारियों से बातचीत नहीं की’

जीएसटी के मसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के साथ द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.

आपातकाल के 42 सालों के बाद एक बार फिर भारत का लोकतंत्र ख़तरे में है

‘एक ऐसी सरकार जो ‘सबका विकास’ के वादे पर सत्ता में आई थी, अब समाज के सबसे कमज़ोर लोगों को सुरक्षा देने को लेकर अनिच्छुक नज़र आ रही है.’

जन गण मन की बात, एपिसोड 74: भीड़ द्वारा पीट​​​​-पीटकर नागरिकों की हो रही हत्याएं और जीएसटी

जन गण मन की बात की 74वीं कड़ी में विनोद दुआ भीड़ द्वारा पीट​​​​-पीटकर नागरिकों की हो रही हत्याओं और जीएसटी पर चर्चा कर रहे हैं.

जंतर​​​​-मंतर: भीड़ द्वारा पीट​​​​-पीटकर की जा रही हत्याओं के विरोध में प्रदर्शन

देश भर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार देने की बढ़ती घटनाओं के विरोध में नई दिल्ली के जंतर​​​​-मंतर पर लोगों द्वारा प्रदर्शन किया गया.

सब इंसान एक हैं, हम चाहते हैं पूरे हिंदुस्तान में अमन हो: जुनैद के पिता

बल्लभगढ़, हरियाणा के हाफिज जुनैद को हाल ही में भीड़ ने पीट पीटकर मार दिया था. परिवार का आरोप है कि यह हत्या विशुद्ध सांप्रदायिक कारण से है.

मोदी के अमेरिका दौरे से देश को क्या हासिल हुआ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया अमेरिका दौरे से देश को क्या कोई फायदा होगा? द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.  

हमारे समाज को आजकल इतना गुस्सा क्यों आ रहा है?

तकनीक के अधकचरे इस्तेमाल ने दरअसल एक अधकचरी पढ़ी-लिखी हिंसा को भी जन्म दिया है. इस हिंसा का शिकार हर वैसा वर्ग और व्यक्ति हो रहा है, जो एक मदमाती सत्ता से सवाल पूछता है.

जब पूर्वोत्तर और कश्मीर में मीडिया पर हमला होता है, तब प्रेस की आज़ादी की चर्चा क्यों नहीं होती?

दशकों से उत्तर-पूर्व और कश्मीर के मीडिया संस्थान अपनी आज़ादी की लड़ाई राष्ट्रीय मीडिया के समर्थन के बगैर लड़ रहे हैं.

क्यों कानून बनने के 24 साल बाद भी मैला ढोने की प्रथा समाप्त नहीं हुई?

मैला ढोने के कार्य से जुड़े श्रमिकों के पुनर्वास के लिए स्व-रोजगार योजना के पहले के वर्षों में 100 करोड़ रुपए के आसपास आवंटित किया गया था, जबकि 2014-15 और 2015-16 में इस योजना पर कोई भी व्यय नहीं हुआ.

दूसरे देशों की घटनाओं पर ट्वीट करने वाले पीएम पीट-पीटकर हो रही हत्याओं पर मौन क्यों हैं?

ऊपर से शांत दिखने वाली भीड़ का हिंसक बन जाना अब हमारे वक्त़ की पहचान बन रहा है. विडंबना यही है कि ऐसी घटनाएं इस क़दर आम हो चली हैं कि किसी को कोई हैरानी नहीं होती.

11 हज़ार करोड़ की लॉटरी अनियमितता मामले में सुभाष चंद्रा का एस्सेल समूह जांच के दायरे में

कैग ने चार निजी कंपनियों और मिज़ोरम सरकार के अधिकारियों को 2012-2015 के दौरान राज्य द्वारा चलाई जाने वाली लॉटरियों में हुई भीषण धांधलियों के लिए आड़े हाथों लिया है.

मीडिया बोल, एपिसोड 03: भारतीय मीडिया में दलित पत्रकार कहां हैं?

मीडिया बोल की तीसरी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, जेएनयू में समाजशास्त्र के प्रोफेसर विवेक कुमार और वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह के साथ मीडिया में दलित पत्रकारों की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.

मोदी समर्थक मुस्लिम संगठन की मांग, मुस्लिमों की हत्याओं पर रोक लगाइए

2014 में आम चुनावों में मोदी के जीतने के बाद सबसे पहले उनका अभिवादन करने वाले मुस्लिम कार्यकर्ताओं में से एक जसीम मोहम्मद ने प्रधानमंत्री से मुस्लिमों की हत्याएं रोकने की अपील की है.

1 478 479 480 481 482 504