वीडियो: भारत की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर द वायर ने नई श्रृंखला के दूसरे एपिसोड में भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं पर किए जाने वाले ख़र्च का मुद्दा उठाया गया है. इस विषय पर दो विशेषज्ञों- ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के इंद्रनील मुखोपाध्याय और आंबेडकर यूनिवर्सिटी की दीपा सिन्हा से बात कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
वीडियो: नीति आयोग की एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश में बीते 9 वर्षों में 24.8 करोड़ से अधिक लोग ग़रीबी से बाहर निकले हैं. इस दावे और इस नतीजे पर पहुंचने की मेथडोलॉजी पर अर्थशास्त्रियों ने सवाल उठाए हैं. इस बारे में अर्थशास्त्री संतोष मेहरोत्रा से बात कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु.
वीडियो: जम्मू-कश्मीर के हालात, राम मंदिर, सांप्रदायिकता, मोदी सरकार के कामकाज समेत विभिन्न मुद्दों पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की बातचीत.
वीडियो: अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ समारोह को लेकर हो रही राजनीति और इस मंदिर की पृष्ठभूमि को लेकर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
वीडियो: चुनाव आयोग, संसद से निलंबित हुए विपक्ष के सदस्यों, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा उनकी 'जाति' का अपमान किए जाने के दावे समेत देश की राजनीति के विभिन्न मुद्दों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से बात कर रहे हैं पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक.
वीडियो: ‘अयोध्या: द डार्क नाइट’ के लेखक-पत्रकार धीरेंद्र के झा और ‘अयोध्या: सिटी ऑफ फेथ, सिटी ऑफ डिस्कॉर्ड’ नामक किताब के लेखक-पत्रकार वलय सिंह से द वायर की संपादक सीमा चिश्ती की बातचीत.
वीडियो: हिट एंड रन मामलों में एक नए दंड प्रावधान के ख़िलाफ़ ट्रक ड्राइवरों के राष्ट्रव्यापी विरोध के बाद केंद्र सरकार ने बीते 2 जनवरी को ट्रांसपोर्टरों को आश्वासन दिया था कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत ऐसे मामलों में कड़े प्रावधानों को लागू करने का निर्णय अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा.
वीडियो: साल 2023 में आमदनी, बेरोज़गारी, ग़रीबी, महंगाई, जीडीपी, खेती-किसानी, एमएसपी पर मोदी सरकार की अर्थनीति क्या रही है? द वायर के अजय कुमार बता रहे हैं कि देश की सत्ता पर क़रीब 10 साल से क़ाबिज़ मोदी सरकार के तहत ज़्यादातर लोगों के जीवन में कोई बड़ा बुनियादी बदलाव नहीं आया है.
वीडियो: छत्तीसगढ़ के जैव-विविधता वाले हसदेव अरण्य में खनन गतिविधियों को लेकर यहां के मूल आदिवासी समुदाय लंबे समय से विरोध करते रहे हैं. हसदेव अरण्य एक घना जंगल है, जो 1,500 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. यह क्षेत्र राज्य के आदिवासी समुदायों का निवास स्थान है. इस जंगल के नीचे अनुमानित रूप से पांच अरब टन कोयला दबा है.
वीडियो: संसद के शीतकालीन सत्र से कुल 146 विपक्षी सांसद निलंबित हुए, जो संसद सुरक्षा चूक पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहे थे. बिना विपक्षी सांसदों के मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित किए. इसे लेकर राजद सांसद मनोज झा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: भारत की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. पहले एपिसोड में भारत में किन बीमारियों का बोझ सर्वाधिक है और उनसे कैसे निपटा जा सकता है, इस बारे में एम्स, दिल्ली के डॉ. आनंद कृष्णन और द वायर की हेल्थ रिपोर्टर बनजोत कौर से बात कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
वीडियो: हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को मिली हार और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष के ‘इंडिया गठबंधन’ की रणनीति पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और द वायर के सह-संस्थापक एमके वेणु से इंद्र शेखर सिंह की बातचीत.
वीडियो: बीते दिनों झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के परिवार के स्वामित्व वाले ओडिशा की शराब कंपनी के ख़िलाफ़ अपनी कार्रवाई के तहत आयकर विभाग ने उनसे संबंधित ठिकानों पर छापेमारी की थी. इन ठिकानों से 350 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम बरामद हुई है. इस घटना के बाद कांग्रेस अन्य दलों के निशाने पर आ गई है.
वीडियो: उन नौजवानों की ज़िंदगी और परिवारवालों की बात, जिन्होंने बीते 13 दिसंबर को संसद में घुसकर सरकार के ख़िलाफ़ विरोध जताया. द वायर के अजय कुमार बता रहे हैं कि इस पूरे मामले को केवल संसद की सुरक्षा में चूक तक सीमित करके नहीं देखना चाहिए, बल्कि नौजवानों कहानी बताती है कि यह मामला भारत की भीषण बदहाली से जुड़ा हुआ है.
वीडियो: बीते दिनों भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाए गए एक नए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है, जिसमें गाज़ा में तत्काल मानवीय युद्धविराम का आह्वान किया गया था. अक्टूबर माह में भारत ने ऐसे ही एक प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया था. इस बीच इज़रायल के हमले में 18,600 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है.