क्या भाजपा को लगता है कि यूपी में ‘सांप्रदायिकता’ ही आख़िरी सहारा है?

राज्य में चार चरण के मतदान के बाद नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सांप्रदायिकता का नारा बुलंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, पर यह तो वक़्त ही बताएगा कि उनकी विभिन्न जातियों के हिंदुओं को साथ लाने की ये कोशिश कामयाब होगी या नहीं.

‘जानवर समाज का हिस्सा हैं इसलिए वे हमारी राजनीति का हिस्सा बने रहेंगे’

जिन्हें मायावती पसंद नहीं हैं. वे उनके चुनाव चिह्न को ‘पागल हाथी’ कहते हैं. इस तरह वे एक ही बार में ‘पागल’ और ‘हाथी’ के लिए असंवेदनशील टिप्पणी कर बैठते है.

आइए, एक बूथ के माध्यम से यूपी में भाजपा की चुनावी तैयारी को समझते हैं

आज भाजपा का संगठन चुनाव के लिए चाक-चौबंद नज़र आता है. इस पर और नजदीक से नज़र डालने के लिए आइए चलते हैं कानपुर मंडल के फर्रुखाबाद जिले की अमृतपुर विधानसभा में.

1 54 55 56