किसान आंदोलन के प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग के लिए दबाव बनाने को लेकर गुरुवार को चार घंटे के रेल रोको प्रदर्शन का आह्वान किया था. इस दौरान विभिन्न राज्यों में रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शन करते हुए पटरियों को अवरुद्ध कर दिया गया और नारेबाज़ी हुई.
दिल्ली की एक अदालत ने फेसबुक पर किसान आंदोलन से जुड़ा कथित फ़र्ज़ी वीडियो डालने के एक मामले की सुनवाई में कहा कि शांति-व्यवस्था क़ायम रखने के लिए सरकार के पास राजद्रोह क़ानून एक शक्तिशाली औजार है पर इसे उपद्रवियों को क़ाबू करने के बहाने असंतुष्टों को चुप कराने के लिए लागू नहीं किया जा सकता.
कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर राज्यसभा में बताया कि सितंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच उनके मंत्रालय द्वारा कृषि क़ानूनों से संबंधित मुद्दों पर विज्ञापन जारी करने के लिए 7,25,57,246 रुपये का भुगतान किया गया है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि कृषि घाटे का सौदा हो गई है और सरकार कह रही है कि इसमें फ़ायदा है, हमें अपना नफ़ा-नुकसान पता है, इसलिए वे इस तरह का रवैया न अपनावे.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में शामली के गौरव पवार ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी मिले, इसके लिए गंगा में डुबकी लगाई थी. किसान आंदोलन में ऐसा क्या हुआ कि उनके कट्टर समर्थक रहे गौरव का भ्रम टूट गया?
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने किसानों के साथ 11 दौर की वार्ता के दौरान कृषि क़ानूनों की क़ानूनी वैधता सहित उनसे होने वाले लाभों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया है. हालांकि किसान यूनियनों ने इस पर चर्चा करने पर कभी भी सहमति व्यक्त नहीं की, वे केवल क़ानूनों को वापस लेने पर अड़े रहे.
कृषि क़ानूनों के विरोध में अलीगढ़ ज़िले के गोंडा क्षेत्र में बीते नौ फरवरी को किसान महापंचायत हुई थी, जिसमें आरएलडी नेता जयंत चौधरी शामिल हुए थे. इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर में कहा गया है कि महामारी के दौरान आयोजित इस कार्यक्रम में लोग बिना फेस मास्क शामिल हुए और सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया गया.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के किसानों में सरकार के प्रति बहुत अधिक निराशा है उन्हें सरकार से जितनी उम्मीदें थीं सरकार उन पर खरी नहीं उतरी है, ऐसा किसानों का कहना है. किसानों से द वायर की बातचीत.
वीडियो: एक युवा किसान से जो सरकार से आंखों में आंखें डालकर सवाल करता है, जो भगत सिंह की बात करता है, जिसे उम्मीद है की समाज में असमानता दूर होगी. ऐसी उम्मीद को ज़िंदा रखने वाले इस शख्स से बातचीत.
वीडियो: किसान आंदोलन के शांतिपूर्ण होने के बावजूद सरकार का रुख कड़ा और अड़ियल है. मुख्यधारा का मीडिया पूरी तरह उसके साथ है. इंटरनेट बैन, किसानों की गिरफ़्तारी के साथ कई पत्रकारों पर भी मामले दर्ज हुए. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता और द वायर के अजॉय आशीर्वाद से उर्मिलेश की बातचीत.
वर्तमान में एमएसपी जैसे तरीके पहाड़ों की आबादी के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं, हालांकि मुख्यधारा के मीडिया और इन जगहों के दूर होने के चलते यहां के लोगों को इस मुद्दे पर इकट्ठा होना मुमकिन नहीं हो रहा है.
केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के समर्थन में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी लाल क़िले तक पहुंच गए थे. बताया गया है कि अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू ने वहां एक ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगाया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कहा कि एमएसपी है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा. इस पर अन्य किसान नेताओं ने कहा कि यदि सरकार दावा कर रही है कि एमएसपी जारी रहेगा तो वह क़ानूनी गारंटी क्यों नहीं देती.
वीडियो: किसान आंदोलन की गूंज पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंच चुकी है और हाल ही में शामली में किसान नेताओं की एक महापंचायत हुई. यहां के किसानों से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
अमेरिकी कांग्रेस के शक्तिशाली इंडिया कॉकस के नेताओं ने भारत सरकार से लोकतांत्रिक नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की अनुमति देने और इंटरनेट तक पहुंच मुहैया कराने का अनुरोध किया है.