नॉर्थ ईस्ट डायरी: मेघालय में छह कांग्रेसियों समेत 12 विधायक चुनाव से पहले भाजपा गठबंधन में शामिल

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मेघालय, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.

भीमा-कोरेगांव हिंसा के लिए मेवाणी ज़िम्मेदार नहीं: अठावले

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि एक जनवरी की हिंसा के लिए निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी जिम्मेदार नहीं हैं.

क्या भारत की राजनीति ने अपना धर्म चुन लिया है?

कभी हाशिये पर रही हिंदुत्व की राजनीति आज मुख्यधारा की राजनीति बन चुकी है. संघ के लिए इससे बड़ी सफलता भला और क्या हो सकती है कि देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां नरम/गरम हिंदुत्व के नाम पर प्रतिस्पर्धा करने लगें.

साल 2018 में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द संविधान से हटाए बिना ही चलन से बाहर कर दिया जाएगा

नरेंद्र मोदी सरकार कई अहम मोर्चों, मसलन रोज़गार और निवेश पर नाकाम रही है. जैसा कि हमने उत्तर प्रदेश और अब गुजरात में देखा, जब बाकी सारी चीज़ें चुक जाती हैं, तब हिंदुत्व काम आता है.

धर्म की बेलगाम राजनीति रोकी नहीं गई तो हिंदुओं में भी हाफ़िज़ सईद पैदा होंगे: प्रकाश आंबेडकर

बाबा साहब आंबेडकर के पोते ने भाजपा पर साधा निशाना. कहा- यह सरकार दोबारा आई तो हम जो बात कर रहे हैं, यह करने का अधिकार भी छीन लिया जाएगा.

तीन तलाक़ विधेयक: क्या इसे सिर्फ़ इसलिए ठुकरा दिया जाए कि यह भाजपा सरकार की पहल का नतीजा है?

भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की सहसंस्थापक ज़किया सोमन कहती हैं कि जो तीन तलाक़ क़ानून का विरोध कर रहे हैं, शायद वे पीड़ित महिलाओं की हालत से वाकिफ़ नहीं हैं.

हम भी भारत, एपिसोड 16: साल 2018 में दुनिया की राजनीतिक चुनौतियों से कैसे निपटेगा भारत?

हम भी भारत की 16वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, साल 2018 की राजनीतिक चुनौतियों और इससे निपटने के लिए भारत की रणनीति पर चर्चा कर रही हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 173: राहुल गांधी और हज यात्रा

जन गण मन की बात की 173वीं कड़ी में विनोद दुआ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जनता से माफ़ी मांगने और हज यात्रा को लेकर मोदी सरकार के रवैये पर चर्चा कर रहे हैं.

इतिहास को तोड़ना-मरोड़ना अलग तरीके का आतंक है: इतिहासकार

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और इतिहासकार केएम श्रीमाली ने आरोप लगाया कि संघ और भाजपा धार्मिक आधारों पर देश को बांटने के लिए प्रतिबद्ध है.

क्या राहुल की ‘भद्रता’ उनकी कमज़ोरी को छिपाने का बहाना है?

राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी ने मणिशंकर अय्यर से दूरी बनाने की जितनी जल्दबाज़ी दिखाई उससे गुजरात और देश ने यह सबक नहीं लिया कि राहुल एक भद्र व्यक्ति हैं बल्कि यह संदेश गया कि राहुल में लड़ने का माद्दा नहीं है.

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