संसद से सड़क तक विपक्ष की आवाज़ दबा रही है मोदी सरकार?

वीडियो: राज्यसभा में पारित विवादित कृषि विधेयकों के विरोध में हंगामा करने वाले विपक्ष के आठ सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर आप सांसद संजय सिंह और राजद सांसद मनोज कुमार झा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

राज्यसभा में कथित अभद्र व्यवहार के लिए डेरेक ओ ब्रायन सहित 8 विपक्षी सांसद निलंबित

रविवार को राज्यसभा में कृषि विधेयक ध्वनि मत से पास होने के पहले कई विपक्षी नेता इसके विरोध में हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए थे. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आठ सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित करते हुए उपसभापति हरिवंश के ख़िलाफ़ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर दिया है.

कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफ़ा दिया

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि हैं. कौर ने कहा कि किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया है और उन्हें किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है.

यूपीए सरकार गिराने के लिए भाजपा-संघ समर्थित था ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलनः प्रशांत भूषण

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कोर सदस्य थे, जिन्हें साल 2015 में कथित तौर पर संगठन विरोधी गतिविधियों की वजह से योगेंद्र यादव के साथ पार्टी से बाहर कर दिया गया था.

रोज़गार गंवा चुके मज़दूरों की मदद के लिए श्रम क़ानूनों में हुए बदलाव रद्द करना ज़रूरी: कांग्रेस

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद पीएल पूनिया ने कहा कि कोविड-19 महामारी में मज़दूरों को रोज़गार ख़त्म हो जाने की वजह से घोर संकट का सामना करना पड़ रहा है. कुछ राज्य सरकारों ने उनकी मदद करने के बजाय उद्योगपतियों के हित में श्रम क़ानूनों में बदलाव किया है.

सुशांत-कंगना का सुर्ख़ियों में बने रहना मीडिया की छद्म जनमत निर्माण की बढ़ती ताक़त की बानगी है

मीडिया के पास कुछ हद तक जनमत निर्माण की ताक़त हमेशा से थी, मगर उसकी एक सीमा थी, उनके द्वारा उठाए मुद्दे में कुछ दम होना ज़रूरी होता था. आज हाल यह है कि मीडिया में भारत-चीन सीमा विवाद से ज़्यादा तवज्जो कंगना रनौत विवाद को दी जा रही है.

कांग्रेस में व्यापक बदलाव, ग़ुलाम नबी आज़ाद और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पांच महासचिव हटाए गए

कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में से कई लोगों का क़द छोटा कर दिया गया. पत्र लिखने वाले नेताओं मनीष तिवारी और शशि थरूर को भी फ़िलहाल कोई नई ज़िम्मेदारी नहीं दी गई है. प्रियंका गांधी को अब पूरे उत्तर प्रदेश के प्रभारी का ज़िम्मा आधिकारिक रूप से सौंप दिया गया है.

असम एनआरसी का एक साल: अंतिम सूची से बाहर रहे 19 लाख लोगों के साथ क्या हुआ

एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के एक साल बाद भी इसमें शामिल नहीं हुए लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए ज़रूरी रिजेक्शन स्लिप का इंतज़ार है. प्रक्रिया में हुई देरी के लिए तकनीकी गड़बड़ियों से लेकर कोरोना जैसे कई कारण दिए जा रहे हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो वजह केवल यही नहीं है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने अर्णब गोस्वामी को फटकारा, कहा- मीडिया समानांतर सुनवाई नहीं कर सकता

सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में कथित अपमानजनक प्रसारण पर रोक लगाने की शशि थरूर की याचिका सुनते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अर्णब गोस्वामी से कहा कि किसी आपराधिक मामले में जांच लंबित होने के दौरान मीडिया को समानांतर सुनवाई, किसी को दोषी कहने या निराधार दावे करने से बचना चाहिए.

बिहार: 15 साल सरकार में रह चुकी भाजपा के लिए सुशांत सिंह राजपूत की मौत चुनावी मुद्दा क्यों है?

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच सीबीआई, ईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कर रहे हैं और तीनों ही केंद्र सरकार के अधीन हैं. केंद्र और बिहार में एनडीए की ही सरकार है. ऐसे में सवाल है कि ‘जस्टिस फॉर सुशांत सिंह राजपूत’ हैशटैग चलाकर बिहार में भाजपा जस्टिस किससे मांग रही है?

यूपी कांग्रेस के निष्कासित नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखा- परिवार के मोह से निकलकर संगठन चलाएं

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के निष्काषित नेताओं के पत्र लिखने वाले दिन ही पार्टी ने प्रदेश के लिए सात महत्वपूर्ण समितियों का गठन किया है. इनमें उन नेताओं को जगह नहीं मिली है, जो कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल थे.

असम: तीन अलग स्वायत्त ज़िला परिषद बनाने के लिए विधेयक पारित

मार्च में बजट सत्र के आखिरी दिन मोरान स्वायत्त ज़िला परिषद विधेयक 2020, कामतापुर स्वायत्त ज़िला परिषद विधेयक 2020 और मतक स्वायत्त ज़िला परिषद विधेयक 2020 पेश किए गए थे, जिन्हें गुरुवार को पारित कर दिया गया.

1984 सिख दंगा: सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार की ज़मानत याचिका ख़ारिज की, कहा- यह छोटा मामला नहीं

17 दिसंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई है.

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