उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्योगों को श्रम कानूनों से तीन साल की छूट देने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी

इस अध्यादेश को यदि केंद्र सरकार की मंजूरी मिल जाती है तो राज्य में श्रमिकों के स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति और ट्रेड यूनियनों, कॉन्ट्रैक्चुअल वर्कर और प्रवासी मजदूरों से संबंधित कई कानून निष्प्रभावी हो जाएंगे.

अप्रैल में कोविड-19 संक्रमण के रोजाना 80,000 मामले सामने आए: डब्ल्यूएचओ प्रमुख

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने चेताया है कि लॉकडाउन से निकल रहे देश अगर बहुत व्यवस्थित और चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को नहीं हटाएंगे तो उन्हें दोबारा लॉकडाउन में जाना पड़ सकता है.

महाराष्ट्र: श्रमिकों की कमी से जूझ रहीं फैक्टरियों में 12 घंटे काम की मंजूरी

महाराष्ट्र श्रम विभाग के अनुसार, राज्य में 36,623 पंजीकृत कारखाने हैं जिनमें 28.54 लाख श्रमिक काम करते हैं. बुधवार तक उनमें से 5,458 कारखाने 2.41 लाख मजदूरों के साथ काम कर रहे हैं.

कोविड-19: मुंबई के निजी डॉक्टरों को सरकारी अस्पतालों में काम करने का निर्देश

निजी चिकित्सकों को भेजे गए एक नोटिस में महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें कम से कम पंद्रह दिनों के लिए कोविड-19 का इलाज कर रहे सरकारी अस्पतालों में काम करने को कहा है. ऐसा न करने पर कार्रवाई की बात कही गई है.

लॉकडाउन: फंसे प्रवासी मज़दूरों और छात्रों को विशेष ट्रेन से उनके राज्य जाने की अनुमति

केंद्रीय गृह सचिव के मुता​बिक, दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों के लिए रेल मंत्रालय टिकट बिक्री, ट्रेन स्टेशनों पर भौतिक दूरी और अन्य सुरक्षा कदमों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा, ग़ैर कोरोना रोगियों के इलाज के लिए हुए इंतज़ाम का ब्योरा दे सरकार

वकील और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र के नगर निकाय अधिकारियों के पास ग़ैर कोरोना रोगियों के लिए कोई विस्तृत कार्य योजना नहीं है और कई लोग इलाज के अभाव में पहले ही जान गंवा चुके हैं.

केरल: घर भेजे जाने की मांग को लेकर प्रवासी कामगारों ने किया प्रदर्शन

यह घटना राज्य के मलप्पुरम में गुरुवार को हुई, जहां लॉकडाउन के बीच करीब सौ प्रवासी मज़दूरों ने घर भेजे जाने की मांग करते हुए मार्च निकाला.

कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 11 दिन में हो रहे हैं दोगुने, मृत्युदर 3.2 प्रतिशत: स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि मौत के 14 प्रतिशत मामले 45 साल की आयु से कम के हैं, 34.8 प्रतिशत मामले 45-60 साल की आयुवर्ग के रोगियों के हैं और 51.2 प्रतिशत मृत्यु के मामले 60 साल से अधिक आयु के लोगों के हैं.

आईआईटी हैदराबाद में घर भेजने की मांग पर प्रवासी मज़दूरों का प्रदर्शन, पथराव में तीन घायल

तेलंगाना के संगारेड्डी ज़िले के कंडी स्थित आईआईटी हैदराबाद में वेतन न मिलने से नाराज़ हज़ारों प्रवासी मज़दूरों ने प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि उन्हें वेतन भी नहीं दिया जा रहा है.

कोरोना के प्रकोप के बीच दक्षिण एशिया में स्वास्थ्य संकट का सामना कर सकते हैं बच्चे: यूनिसेफ

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण टीकाकरण अभियान सीमित कर देने से दुनियाभर में 11.7 करोड़ बच्चे खसरा के ख़तरे का सामना कर रहे हैं.

कर्नाटक: लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार सीआरपीएफ जवान को मिली जमानत

कर्नाटक पुलिस ने कोबरा कमांडो को लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया था. प्रदेश के गृहमंत्री बसवराज बोम्माई ने पुलिस प्रमुख को घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं.

महाराष्ट्र की औद्योगिक इकाइयों को काम करने की अनुमति, गुजरात के सांणद में भी कुछ उद्योग शुरू

महाराष्ट्र में 13,448 औद्योगिक इकाइयों को अपना कामकाज बहाल करने की अनुमति मिली है, वहीं गुजरात के सांणद में वाहन उद्योगों ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है. यहां 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम हो रहा है.

लॉकडाउन के दौरान सरकार ‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ योजना अपनाने पर विचार करे: सुप्रीम कोर्ट

एक याचिका में कोरोना वायरस के दौरान प्रवासी श्रमिकों, राज्यों के निवासियों और पर्यटकों के को रियायती खाद्यान्न और सरकारी योजना के लाभ उपलब्ध दिलाने के लिए अस्थायी रूप से एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना अपनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था.

लॉकडाउन: कर्मचारियों को वेतन देने के आदेश के खिलाफ याचिका पर कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन देने संबंधी गृह मंत्रालय की अधिसूचना को नागरीका एक्सपोर्ट्स और फिक्स पैक्स प्राइवेट लिमिटेड सहित तीन निजी कंपनियों ने चुनौती दी है.

लॉकडाउन: देश भर के सूचना आयोगों की स्थिति बदहाल, कब शुरू होगी सुनवाई, कुछ पता नहीं

कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव के टेलिफोनिक सर्वे में ये जानकारी सामने आई है कि देश के अधिकतर सूचना आयोग एकाध स्टाफ के सहारे काम कर रहे हैं. अधिकतर आयोगों के ऑफिस नंबर या हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने पर किसी ने जवाब नहीं दिया.