वकील और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र के नगर निकाय अधिकारियों के पास ग़ैर कोरोना रोगियों के लिए कोई विस्तृत कार्य योजना नहीं है और कई लोग इलाज के अभाव में पहले ही जान गंवा चुके हैं.
गोधरा के गुहया मोहल्ले में भीड़ को क़ाबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. पुलिस ने इस संबंध में आठ लोगों को हिरासत में लिया है, इनमें तीन महिलाएं शामिल हैं.
यह घटना राज्य के मलप्पुरम में गुरुवार को हुई, जहां लॉकडाउन के बीच करीब सौ प्रवासी मज़दूरों ने घर भेजे जाने की मांग करते हुए मार्च निकाला.
नांदेड़ के श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा गए पंजाब के 4,000 से अधिक सिख श्रद्धालु लॉकडाउन के कारण मार्च से ही वहां फंसे हुए थे. उनके लौटने के बाद राज्य के कोरोना संक्रमण के कुल मामलों में 33.7 फीसदी हिस्सेदारी इन्हीं श्रद्धालुओं की है.
कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 11 दिन में हो रहे हैं दोगुने, मृत्युदर 3.2 प्रतिशत: स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि मौत के 14 प्रतिशत मामले 45 साल की आयु से कम के हैं, 34.8 प्रतिशत मामले 45-60 साल की आयुवर्ग के रोगियों के हैं और 51.2 प्रतिशत मृत्यु के मामले 60 साल से अधिक आयु के लोगों के हैं.
मुंबई स्थित इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान ने 'शहरी खाद्य बाजार और भारत में लॉकडाउन' शीर्षक अध्ययन में पाया कि टमाटर की औसत कीमत 28 फीसदी, आलू की 15 फीसदी, कई किस्मों के दालों की 6 फीसदी से ज्यादा और ज्यादातर खाद्य तेलों के दामों में 3.5 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई.
मुंबई के बांद्रा उपनगर के एक मुस्लिम कब्रिस्तान में कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति को दफनाने के बाद आसपास रहने वाले लोगों ने यहां कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के शव दफन करने पर रोक लगाने की मांग की थी.
उत्तर प्रदेश और बिहार के 34 मज़दूर कर्नाटक के शिमोगा ज़िले में फंसे हैं. बालू खनन का काम करने वहां गए मज़दूरों का कहना है कि जो थोड़े-बहुत पैसे थे, वो अब तक के लॉकडाउन के दौरान ख़त्म हो चुके हैं. अब अगर यहां से नहीं निकाला गया तो भुखमरी जान ले लेगी.
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं की घरों तक पहुंच सेवा पर रोक लगा दिया था. अदालत के हस्तक्षेप के बाद सरकार को अपने फैसले में संशोधन करना पड़ा था.
बिहार में नालंदा ज़िले के बिहार शरीफ़ का मामला. पुलिस ने बताया कि आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किए जाने के बाद आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए कार्रवाई की जा रही है.
भारत में लॉकडाउन होने के बाद बीते पच्चीस दिनों से महराजगंज ज़िले के सोनौली, नौतनवां और बढ़नी में रह रहे नेपाली नागरिकों बीते शुक्रवार और शनिवार को दो चक्रों में नेपाल भेजा गया. वहीं नेपाल से भी 188 भारतीय वापस देश में आए हैं.
कोरोना संकट के दौरान गहराती सांप्रदायिकता का नया उदाहरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह ज़िले नालंदा के बिहार शरीफ में देखने को मिला है, जहां मुस्लिम रहवासियों का आरोप है कि हिंदू दुकानदारों द्वारा उन्हें सामान नहीं दिया जा रहा और उनका सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है.
देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में सड़क किनारे या झुग्गी-बस्तियों में ज़िंदगी बिता रहे लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गईं. हरियाणा के नूंह ज़िले के कुछ ऐसे ही मेहनतक़श परिवार केवल समाज के रहम पर दिन गुज़ार रहे हैं.
इस वायरस ने इस दुनिया को पूरी तरह से छिन्न-भिन्न कर डाला है. इसने हमारे समय की उन नाइंसाफ़ियों से रूबरू करवाया है, जो हमारी अर्थव्यवस्था और राजनीति की बेमिसाल क्रूरता दर्शाती हैं.
हम वो देश हैं जो जुगाड़ पर नाज़ करता है, 5000 साल पहले की तथाकथित उपलब्धियों के ख्वाबों की दुनिया में रहता है. उससे यह उम्मीद करना बेमानी है कि वह व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में इतनी मेहनत करेगा कि वे बिना किसी रुकावट के और सक्षम तरीके से काम कर सकें.