यह आदेश कोरोना महामारी की नई लहर के चलते देश के कई हिस्सों, विशेषकर दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के बीच आया है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इसके औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक लगाने की ज़रूरत थी.
उत्तर प्रदेश में भाजपा के लखनऊ पश्चिम क्षेत्र के विधायक सुरेश श्रीवास्तव का निधन बीते 23 अप्रैल को कोरोना वायरस संक्रमण से हो गया था. उनकी पत्नी मालती श्रीवास्तव भी संक्रमित थीं, उनका इलाज लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में चल रहा था. 23 अप्रैल की सुबह ही प्रदेश के औरैया जिले के सदर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक रमेश चंद्र दिवाकर ने भी कोरोना वायरस संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया था.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा कि प्रदेश के किसी भी कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. समस्या कालाबाज़ारी और जमाखोरी की है, जिससे सख़्ती से निपटा जाएगा. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य सरकार की कोविड प्रबंधन की तैयारी पहले से बेहतर है.
ह्वाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन कोविड-19 महामारी से लड़ाई में भारत को आपातकालीन सहायता मुहैया कराने के साथ ही कोविशील्ड टीके के भारतीय निर्माता को तत्काल कच्चा माल उपलब्ध कराने को लेकर दिन-रात काम कर रहा है.
पश्चिम बंगाल की खड़दह सीट से टीएमसी उम्मीदवार काजल सिन्हा का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया. इससे पहले रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के मुर्शिदाबाद ज़िले के जंगीपुरा सीट से उम्मीदवार प्रदीप कुमार नंदी और इसी ज़िले की शमशेरगंज सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रेज़ाउल हक़ की भी संक्रमण से मौत हो चुकी है. इसी महीने बीरभूम ज़िले के मुरारई सीट से टीएमसी के निर्वतमान विधायक अब्दुर रहमान की भी मौत कोरोना की वजह से हो गई थी.
संसद की स्वास्थ्य संबंधी स्थायी समिति ने पिछले साल नवंबर में अपनी रिपोर्ट में यह पैरवी भी की थी कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण को ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत का निर्धारण करना चाहिए, ताकि इसकी किफ़ायती दर पर उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. समिति ने अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का भी सुझाव दिया था.
केंद्र की मोदी सरकार के अनुरोध पर ट्विटर पहले ही भारत में ऐसे क़रीब 50 ट्वीट्स पर रोक लगा चुका है, जो कोविड-19 महामारी की स्थिति को संभालने में सरकार के तरीकों की आलोचना कर रहे थे. अब इन ट्वीट्स को भारत में नहीं देखा जा सकता.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बीते एक दिन में सर्वाधिक 349,691 नए मामले आने के साथ कुल मामले बढ़कर 16,960,172 पर पहुंच गए हैं. वहीं, मृतकों की संख्या 192,311 हो गई है. विश्व में संक्रमण के 14.64 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 31 लाख के क़रीब पहुंच चुकी है.
कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित चार राज्यों ने केंद्र पर टीका निर्माताओं से मिले टीकों के स्टॉक पर क़ब्ज़ा करने का आरोप लगाते हुए इस बात पर संदेह जताया कि वे एक मई से 18-45 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण की शुरुआत कर पाएंगे. केंद्र सरकार ने टीकाकरण के तीसरे चरण के तहत एक मई से 18 साल से ऊपर सभी लोगों को कोविड टीका लगवाने की अनुमति दे दी है.
ट्विटर ने भारत में ऐसे क़रीब 50 ट्वीट्स पर रोक लगा दी है जो कोविड-19 महामारी की स्थिति को संभालने में नरेंद्र मोदी सरकार के तरीकों की आलोचना कर रहे थे. अब इन ट्वीट्स को भारत में नहीं देखा जा सकता.
भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा है कि पूरे देश में वैक्सीन के इंजेक्शन की कीमत एक ही होनी चाहिए और यह कीमत शून्य होनी चाहिए. उन्होंने कोविड-19 टीके की मूल्य नीति को जटिल और राजनीति से भरा बताया. भारत में कोविड वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियां सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक ने इसकी कीमत बढ़ा दी है.
शुरुआत में केंद्र सरकार ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही वैक्सीनों के लिए 150 रुपये पर समझौता किया था, लेकिन जैसे ही सरकार ने वैक्सीन उत्पादकों को राज्यों और खुले बाज़ार के लिए कीमत तय करने की छूट दी, वैसे ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने क्रमश: राज्य सरकारों के लिए 400 और 600 रुपये, जबकि निजी अस्पतालों के लिए 600 और 1200 रुपये प्रति खुराक की कीमत तय कर दी.
पूर्वी महाराष्ट्र में यवतमाल ज़िले के वाणी गांव का मामला. जिन लोगों की मौत हुई वे सभी मज़दूर बताए जा रहे हैं. यवतमाल ज़िला मजिस्ट्रेट ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि देश के लोगों को मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए सकारात्मक माहौल बनाने के अलावा देश विरोधी ताक़तों से भी सतर्क रहना चाहिए.
साल 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान के खतरनाक पैटन टैंक तबाह करने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बेटे अली हसन की कानपुर के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई. उनके बेटे ने दावा किया कि डॉक्टरों ने उनके पिता की कोविड जांच कराने की जहमत भी नहीं उठाई कि पता लग पाता कि वह संक्रमित थे या नहीं.