भारतीय मीडिया में दलित पत्रकार क्यों नहीं हैं?

अंग्रेजी पत्रकारिता में आपको खुलेआम खुद को समलैंगिक बताने वाले लोग ज्यादा मिल जाएंगे, बनिस्बत ऐसे लोगों के जो खुल कर अपना दलित होना कुबूल करते हों.

‘कुआं और मूर्ति दलितों से बनवाते हो, फिर उन्हें पानी पीने और मंदिर जाने से रोकते क्यों हो’

आंबेडकर पर हुए एक सेमिनार में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने जातिवादी मानसिकता पर सवाल उठाते हुए लोगों से सोच बदलने की अपील की.