‘इस फैसले से उम्मीद जगी है कि मेरे पिता की हत्या के मामले में भी जल्द न्याय होगा’

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे ने गुरमीत को सज़ा होने पर कहा, लोगों ने डेरे में हो रही आपत्तिजनक गतिविधियों पर विश्वास नहीं किया था, लेकिन कोर्ट में यह साबित हो गया.

जब शोषण का शिकार हुई साध्वी ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखी थी चिट्ठी

गुरमीत राम रहीम के डेरे में रहने वाली साध्वी का यह अनाम पत्र सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने 2002 में अपने अख़बार 'पूरा सच' में प्रकाशित किया था, जिसके बाद यह मामला सामने आया.

क्या जिस व्यक्ति पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हों, उसे देश का मुख्य न्यायाधीश बनाया जाना चाहिए?

जस्टिस दीपक मिश्रा को देश का मुख्य न्यायाधीश बनाये जाने पर सवाल उठा रहे हैं पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण.

निजता का अधिकार और समाज

निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सत्ता और समाज को ठहर के सामूहिक चिंतन करने का एक अवसर देता है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 107: स्वाइन फ्लू और मोदी कैबिनेट

जन गण मन की बात की 107वीं कड़ी में विनोद दुआ स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में होने जा रहे फेरबदल पर चर्चा कर रहे हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 106: निजता का अधिकार और गुरमीत राम रहीम

जन गण मन की बात की 106वीं कड़ी में विनोद दुआ निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और बलात्कार के एक मामले में आरोपी गुरमीत राम रहीम पर चर्चा कर रहे हैं.

तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ क्यों है जमीयत उलेमा-ए-हिंद?

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक बार में तीन तलाक़ कहने पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए मानने से इनकार किया.

जन गण मन की बात, एपिसोड 105: रेल हादसे और देश के विभिन्न राज्यों में बाढ़

जन गण मन की बात की 105वीं कड़ी में विनोद दुआ हालिया रेल हादसों और देश के विभिन्न राज्यों में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 104: तीन तलाक़ और 2022 में अच्छे दिन का वादा

जन गण मन की बात की 104वीं कड़ी में विनोद दुआ तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले और प्रधानमंत्री मोदी के वादों पर चर्चा कर रहे हैं.

मीडिया बोल, एपिसोड 11: धारा 35A और कश्मीर

मीडिया बोल में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ‘राइज़िंग कश्मीर’ के संपादक सैयद शुजात बुख़ारी और वरिष्ठ पत्रकार अशोक टंडन के साथ कश्मीर, धारा 35A के विवाद और मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.

साढ़े चार आखर मनुष्यता का, पढ़े सो पंडित होय…

हजारी प्रसाद द्विवेदी सही मायने में पंडित थे. वैसे पंडित नहीं, जो शास्त्र और वेद को पढ़कर जड़ और हिंसक हो जाता है, बल्कि वैसे, जो कबीर की तरह प्रेम या मनुष्यता का ढाई आखर पढ़कर पंडित होता है.

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