जन गण मन की बात की 76वीं कड़ी में विनोद दुआ भारत-चीन विवाद और देश की बदहाल स्वास्थ्य सेवा पर चर्चा कर रहे हैं.
गुजरात में मुख्यमंत्री रहने के दौरान नरेंद्र मोदी के मुख्य सचिव रहे आईएएस अधिकारी अचल कुमार जोती को अगला मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है.
जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने गाय और गोरक्षा के नाम पर क़ानून हाथ में न लेने की अपील की थी, उसी दिन झारखंड में एक व्यक्ति को गोमांस ले जाने के संदेह में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था.
वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन ने प्रेस की आज़ादी और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका द्वारा समर्थित प्रेस और मीडिया को ही एकमात्र उपाय बताया.
जीएसटी के मसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के साथ द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.
जिस दिन प्रधानमंत्री ने बयान दिया कि गाय और गोरक्षा के नाम पर किसी को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है, उसी दिन झारखंड में एक और व्यक्ति की गाय के नाम पर हत्या कर दी गई.
जन गण मन की बात की 75वीं कड़ी में विनोद दुआ कथित गोरक्षकों की गुंडागर्दी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और दिल्ली गोल्फ क्लब में पूर्वोत्तर की महिला के साथ हुए नस्लीय भेदभाव पर चर्चा कर रहे हैं.
अहमदाबाद में साबरमती आश्रम के शताब्दी वर्ष समारोह में बोलते हुए मोदी ने कहा कि गाय के नाम पर किसी भी इंसान को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है.
जीएसटी के मसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के साथ द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.
‘एक ऐसी सरकार जो ‘सबका विकास’ के वादे पर सत्ता में आई थी, अब समाज के सबसे कमज़ोर लोगों को सुरक्षा देने को लेकर अनिच्छुक नज़र आ रही है.’
जन गण मन की बात की 74वीं कड़ी में विनोद दुआ भीड़ द्वारा पीट-पीटकर नागरिकों की हो रही हत्याओं और जीएसटी पर चर्चा कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया अमेरिका दौरे से देश को क्या कोई फायदा होगा? द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
जन गण मन की बात की 73वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे और आपातकाल पर चर्चा कर रहे हैं.
ऊपर से शांत दिखने वाली भीड़ का हिंसक बन जाना अब हमारे वक्त़ की पहचान बन रहा है. विडंबना यही है कि ऐसी घटनाएं इस क़दर आम हो चली हैं कि किसी को कोई हैरानी नहीं होती.
2014 में आम चुनावों में मोदी के जीतने के बाद सबसे पहले उनका अभिवादन करने वाले मुस्लिम कार्यकर्ताओं में से एक जसीम मोहम्मद ने प्रधानमंत्री से मुस्लिमों की हत्याएं रोकने की अपील की है.