पेयजल एवं स्वच्छता राज्यमंत्री रमेश जिगजिनागी ने राज्यसभा में बताया कि देश में साल 2030 तक पानी की मांग उसकी उपलब्धता से दो गुनी हो जाएगी, इसलिए जल संसाधनों और उसके इस्तेमाल को लेकर बेहतर समझ बनाने की ज़रूरत है.
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि भारत के माहौल को देखते हुए ऐसी कोई चीज़ जो अभी अस्तित्व में न हो, उसकी घोषणा करने से पहले कोई और प्रधानमंत्री दो-तीन बार सोचता.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत भले ही दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन हमारी प्रति व्यक्ति आय फ्रांस के मुकाबले 20 गुना कम है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि मुंबई पानी में डूबी है. दिल्ली में पानी नहीं है. शिमला में भी पानी नहीं है. सरकार की रिपोर्ट कहती है कि यमुना में साफ पानी की संभावनाएं हैं, लेकिन यमुना ही नहीं बची है.
जन गण मन की बात की 261वीं कड़ी में विनोद दुआ जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने और पानी की कमी पर नीति आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे हैं.
नीति आयोग की ताज़ा रपट तक में कहा गया है कि आधे से ज़्यादा देशवासी या तो प्यासे हैं या दूषित पानी पीने को अभिशप्त. गांवों में यह समस्या इस अर्थ में और विकट है कि वहां 84 प्रतिशत ग्रामीण इसकी ज़द में हैं.
ज़्यादातर वरिष्ठ नौकरशाहों का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार को लैटरल एंट्री के संबंध में और ज़्यादा स्पष्टीकरण देने की ज़रूरत है.
लैटरल एंट्री को लेकर उठ रहे असुविधाजनक सवालों पर सरकार ने जो रुख अपना रखा है, उससे अभी से लगने लगा है कि यह व्यवस्था इतनी पारदर्शी नहीं होने जा रही कि इससे संबंधी सरकार की नीति और नीयत को सवालों से परे माना जा सके.
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में करीब 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं. 2030 तक देश में पानी की मांग उपलब्ध जल वितरण की दोगुनी हो जाएगी और देश की जीडीपी में छह प्रतिशत की कमी देखी जाएगी.
संयुक्त सचिव स्तर के दस पेशेवर लोगों को सरकार में शामिल करने का ख़्याल सरकार के आख़िरी साल में क्यों आया जबकि इस तरह के सुझाव पहले की कई कमेटियों की रिपोर्ट में दर्ज हैं.
हम भी भारत की 38वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी मोदी सरकार द्वारा संयुक्त सचिव स्तर के दस पदों के लिए बिना लोकसेवा आयोग की परीक्षा के नियुक्तियों के आवेदन आमंत्रित करने पर पूर्व आईएएस अधिकारी सुंदर बुर्रा और हार्ड न्यूज़ पत्रिका के संपादक संजय कपूर से चर्चा कर रही हैं.
सेहत के लिए हानिकारक होने के चलते अमिताभ बच्चन ने साल 2014 में पेप्सी के साथ अपना क़रार रद्द कर दिया था. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि अमिताभ हॉर्लिक्स के साथ भी ऐसा ही करेंगे.
अमिताभ कांत ने कहा कि देश में शिक्षा और स्वास्थ्य के हाल बेहाल हैं. यही वे क्षेत्र हैं जिनमें भारत पिछड़ रहा है. पांचवीं कक्षा का छात्र दूसरी कक्षा के जोड़-घटाव नहीं कर पाता है. शिशु मृत्यु दर बहुत ज़्यादा है.
नीति आयोग उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, 'शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुजरात की उपलब्धियां उसकी अन्य क्षेत्रों की उपलब्धियों की तरह नहीं हैं.'
पीएमओ ने नीति आयोग से खस्ताहाल सरकारी कंपनियों की व्यावहारिकता परखने को कहा था. आयोग दे चुका है विनिवेश की सलाह.