लोहिया कहते थे कि किसी शख़्सियत का जन्मदिन मनाने या उसकी मूर्ति लगाने से, उसके निधन के 300 साल बाद तक परहेज रखना चाहिए ताकि इतिहास निरपेक्ष होकर यह फैसला कर पाए कि वह इसकी हक़दार थी या नहीं.
जन गण मन की बात की 214वीं कड़ी में विनोद दुआ इराक़ में मारे गए 39 भारतीयों को लेकर केंद्र सरकार के खुलासे पर चर्चा कर रहे हैं.
शरद यादव ने कहा कि भाजपा द्वारा फैलायी जा रही सांप्रदायिकता को सामाजिक न्याय का आंदोलन ही रोक सकता है. आज सामाजिक विषमता का आलम यह है कि किसान, दलित और ग़रीब तबका बेहद दिक्कत में हैं.
विश्व जल दिवस: दीवारें खड़ी करने से समुद्र पीछे हट जाएगा, तटबंद बना देने से बाढ़ रुक जाएगी, बाहर से अनाज मंगवाकर बांट देने से अकाल दूर हो जाएगा. बुरे विचारों की ऐसी बाढ़ से, अच्छे विचारों के ऐसे ही अकाल से, हमारा यह जल संकट बढ़ा है.
ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार में किसान आत्महत्या की घटनाएं कम होने का मतलब यह कतई नहीं कि यहां के किसान खेती कर मालामाल हो रहे हैं. कृषि संकट के मामले में बिहार की तस्वीर भी दूसरे राज्यों की तरह भयावह है.
जन गण मन की बात की 213वीं कड़ी में विनोद दुआ 62 विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता देने के फैसले और दिल्ली में हो रहे राष्ट्र रक्षा महायज्ञ पर चर्चा कर रहे हैं.
लोगों की व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग के मामले में फेसबुक के ख़िलाफ़ अमेरिका में जांच शुरू. अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग इस बात की जांच कर रहा है कि क्या फेसबुक ने उपभोक्ताओं के लाखों आंकड़े एक राजनीतिक परामर्श एजेंसी को दिए थे.
देश के कई राज्यों से आए सरकारी बैंक कर्मचारियों ने नई दिल्ली के संसद मार्ग पर विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया. मारे गए हर भारतीय के परिजनों के लिए मांगा दो करोड़ रुपये का मुआवज़ा.
राज बब्बर ने इस्तीफ़े का स्पष्ट कारण नहीं बताया. उनसे पहले गोवा में पार्टी प्रमुख शांताराम नाइक ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया था.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने सदन में बताया कि 2015 के मुक़ाबले 2016 में दलितों के ख़िलाफ़ जातिगत भेदभाव के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है.
पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के अभिजात्य और शासक वर्गों में पर्यावरण और सामाजिक-नागरिक प्रतिरोध के केंद्र के रूप में सघन वन्य इलाक़ों को नकारात्मक रूप से देखने की प्रवृत्ति मिलती है.
जन गण मन की बात की 212वीं कड़ी में विनोद दुआ एनडीए के घटक दलों में भाजपा से बढ़ती नाराज़गी और कांग्रेस की कमज़ोरियों पर चर्चा कर रहे हैं.
हिंदी साहित्य के संसार में केदारनाथ सिंह की कविता अपनी विनम्र उपस्थिति के साथ पाठक के बगल में जाकर खड़ी हो जाती है. वे अपनी कविताओं में किसी क्रांति या आंदोलन के पक्ष में बिना शोर किए मनुष्य, चींटी, कठफोड़वा या जुलाहे के पक्ष में दिखते हैं.
साल 2015 में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने इन सभी भारतीयों का इराक़ के मोसुल शहर से अपहरण कर लिया था.