सहारनपुर में जातीय संघर्ष के बाद तनाव बरक़रार, डीएम-एसएसपी हटाए गए

सहारनपुर में जातीय संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को भी एक व्यक्ति को गोली मार दी गई. प्रमोद पांडे सहारनपुर के नए डीएम और बबलू कुमार को जिले का नया एसएसपी बनाया गया है.

विपक्षी एकता: कोई सूरत नज़र नहीं आती

भाजपा को मात देने के लिए विपक्षी दलों की गोलबंदी भले शुरू हो गई हो, लेकिन फ़िलहाल ऐसा कोई मुद्दा सामने नहीं आया है जो भाजपा के विरोध में हलचल पैदा कर सके.

यूपी में मिली करारी हार के बाद सपा, बसपा और कांग्रेस ​क्या कर रही हैं?

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से सपा में घमासान जारी है तो बसपा प्रमुख मायावती के तेवर नरम पड़े हैं. वहीं कांग्रेसी ‘गठबंधन ग़लती था’ का राग अलाप रहे हैं. यूपी में सपा, बसपा और कांग्रेस की हार को एक महीने से ज्यादा का वक़्त बीत चुका है. इस दौरान इन पार्टियों में तमाम तरह के फेरबदल हुए हैं. कई प्रमुख नेताओं ने अपनी पार्टी छोड़ दी है तो कुछ नेता अभी इसके फिराक़ में दूसरे

भारतीय राजनीति और परिवारवाद

राजनीति में परिवारवाद से दूर रहने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत दलित-पिछड़े नेतृत्व को है, लेकिन दुखद यह है कि ये ताकतें सबसे पहले अपने परिवार को ही अपनी विरासत सौंपती हैं.

क्यों बिहार का राजनीतिक प्रयोग यूपी में दोहरा पाना नामुमकिन नहीं लेकिन मुश्किल ज़रूर है

उत्तर प्रदेश में भाजपा की बड़ी जीत के बाद से सपा-बसपा गठबंधन की चर्चा लगातार चल रही है, लेकिन जानिए वो दस वजहें जो बताती हैं क्यों उत्तर प्रदेश बिहार नहीं बन सकता है.

योगी को बसपा और सपा दोनों ही सरकारों ने बढ़ावा दिया

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने की बधाई के हकदार उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारी, ख़बरों को दबाने वाले पत्रकार, मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव भी हैं. बिना इनके सहयोग के योगी आज माननीय मुख्यमंत्री न बन पाते.

इलाहाबाद में बसपा नेता की गोली मारकर हत्या, भाजपा नेता पर केस दर्ज

विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बसपा में शामिल हुए शमी इससे पहले सपा और कांग्रेस में भी रह चुके थे. उन्होंने राजा भैया के भी खिलाफ चुनाव लड़ा था.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 750 रुपये में पड़ा एक वोट

एक गैर सरकारी संगठन ने अपने सर्वेक्षण में दावा किया है कि इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में नोट के बदले वोट लेेने के लिए उम्मीदवारों ने तकरीबन एक हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए.

क्या भाजपा के विजय-रथ का पहिया बना दैनिक जागरण का एक्ज़िट पोल?

अलग-अलग चरणों में पार्टी के चुनावी प्रदर्शन में असमानता इस बात का सबूत है कि ‘अच्छी खबर’ चुनावी पासे को पलटने में मदद कर सकती है.

जन की बात: राजनीति में विपक्ष और इरोम शर्मिला, एपिसोड 18

जन की बात की 18वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ भारतीय राजनीति में विपक्ष की दशा और मणिपुर में इरोम शर्मिला की मिले 90 वोट पर चर्चा कर रहे हैं.

‘विपक्षी दलों को भाजपा से सीखने की ज़रूरत है’

विपक्ष को एक नए भारत का सपना बुनना होगा जो भाजपा के हिंदूवादी, आर्थिक आधार पर खड़े विचार को चुनौती दे सके. एक ऐसा भारत जिसमें अस्मिता और देशभक्ति भी शामिल हो, विकास और सम्पन्नता की सोच भी.

उत्तर प्रदेश चुनाव और मोदी का ‘नैतिक शुद्धिकरण’ प्रोजेक्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नैतिक शुद्धिकरण’ प्रोजेक्ट ने जाति की दीवारों को तोड़ने और एक व्यापक सामाजिक गठजोड़ तैयार करने में बड़ी भूमिका निभाई है.

‘यूपी का चुनाव परिणाम सामाजिक न्याय के नेताओं की राजनीति की हार है’

लोकतंत्र में हर पल अपने समाज और वोटरों के बारे में सोचते रहना पड़ता है, लेकिन दुखद यह है कि उत्तर भारत के सामाजिक न्याय के सभी बड़े नेता सिर्फ अपने परिवार और रिश्तेदार के बारे में सोचते हैं, उन जनता के बारे में नहीं जिनके वोट से ये मसीहा बने थे.