मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर चारों डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया. ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी, सर्जरी और आईसीयू सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में साल 2017 में छह महीनों में 1,201 बच्चों की मौत हुई थी. दोनों वर्ष के आंकड़ों से पता चलता है कि नियोनेटल डेथ में कमी आई है जबकि इंसेफलाइटिस से बच्चों की मौत बढ़ गई है.
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत मामले के आरोपी डॉक्टर कफ़ील ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान ने आरोपों से इनकार किया.
डॉ. कफ़ील के भाई काशिफ़ जमील पर अज्ञात हमलावरों ने तीन गोलियां चलाईं. गोरखपुर के निजी अस्पताल में चल रहा है इलाज. आॅपरेशन के बाद गोलियां निकाली गईं.
वीडियो: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफ़ील से मनोज सिंह की बातचीत का संपादित अंश.
सपा ने कहा कि कहीं आग आॅक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत से संबंधित फाइलों को नष्ट करने के लिए तो नहीं लगाई गई.
चार्जशीट में इन दोनों व्यक्तियों पर सरकारी धन के व्यक्तिगत हित में उपयोग का आरोप लगाया गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, गोसेवा करने वालों के लिए टैक्स में छूट का प्रावधान होगा.
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं का दौर जारी है. अगस्त महीने में बच्चों की मौतों को स्वभाविक बताने वाले यूपी सरकार के मंत्री अब इस बारे में चुप्पी साध गए हैं.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में अब सभी नौ अभियुक्त गिरफ़्तार किए जा चुके हैं.
मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में पांच वर्ष से कम आयु के 9 लाख बच्चों की मृत्यु भारत में हुई जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है.
अस्पताल ने कहा, इनमें से अधिकतर मौतें शिशुओं को अंतिम स्थिति में लाए जाने के कारण हुईं, उनके बचने की गुंजाइश बहुत कम थी.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस साल जनवरी से अब तक 1304 बच्चों की मौत, 7 के ख़िलाफ़ ग़ैरज़मानती वारंट.
गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में अगस्त महीने में मरने वाले बच्चों की संख्या 309 हो गई है और इस साल अब तक 1269 बच्चों की जान जा चुकी है.
बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में जनवरी से अब तक कुल 1256 बच्चों की मौत हो चुकी है.