‘प्रधानमंत्री बताएं कि रफाल सौदे का मक़सद वायुसेना को मज़बूत करना था या एक उद्योगपति को’

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि भाजपा के शासनकाल में राष्ट्रवाद और देशभक्ति की परिभाषाएं बदल दी गई हैं. जो रफाल सौदे का गुणगान कर रहे हैं वे देशभक्त माने जा रहे हैं, जो सवाल उठा रहे हैं उन्हें देशद्रोही करार दिया जा रहा है.

रफाल सौदे में पीएमओ का दख़ल और रक्षा मंत्रालय की आपत्ति

वीडियो: एक मीडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रफाल सौदे में पीएमओ के दखल पर रक्षा मंत्रालय ने आपत्ति जताई थी. द वायर द्वारा भी इस साल जनवरी में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि रक्षा मंत्रालय के रफाल क़रार की शर्तों को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय समझौता कर रहा था. इस मामले पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अजय आशीर्वाद की बातचीत.

रफाल सौदे पर द हिंदू समूह के चेयरमैन ने कहा, मुझे रक्षा मंत्री के सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं

‘द हिंदू’ अख़बार ने खुलासा किया है कि रफाल सौदे में पीएमओ ने फ्रांस सरकार से समानांतर बातचीत की थी. इस बातचीत ने इस सौदे पर रक्षा मंत्रालय और भारतीय वार्ताकार टीम की बातचीत को कमज़ोर किया. इस रिपोर्ट को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ख़ारिज करते हुए कहा है कि अख़बार ने पत्रका​रीय मूल्यों का पालन नहीं किया.

रफाल सौदे में क्या प्रधानमंत्री मोदी अनिल अंबानी के लिए चुपचाप काम कर रहे थे?

रफाल सौदे पर बातचीत के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक टीम गठित की, उसी तरह फ्रांस की तरफ से भी एक टीम बनी. दोनों के बीच लंबे समय तक बातचीत और मोलभाव हुआ. इस बीच भारतीय टीम को पता चला कि इस बातचीत में उनकी जानकारी के बिना पीएमओ भी शामिल है और अपने स्तर पर शर्तों को बदल रहा है. लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह बात छिपाई. क्या ये सरकार सुप्रीम कोर्ट से भी झूठ बोलती है?

वाड्रा या चिदंबरम किसी की भी जांच कराओ, लेकिन रफाल घोटाले पर कार्रवाई करो: राहुल

रफाल सौदे में पीएमओ की दखल पर रक्षा मंत्रालय की आपत्ति की मीडिया रिपोर्ट पर दोनों सदनों में विपक्ष ने सरकार को घेरा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'अब साफ हो चुका है कि प्रधानमंत्री ने इस देश से चोरी की है. मैं कड़े शब्द इस्तेमाल नहीं करता, लेकिन करने को विवश हो रहा हूं कि भारत के प्रधानमंत्री चोर हैं.’

रफाल सौदे में पीएमओ ने दिया था दखल, रक्षा मंत्रालय ने जताई थी आपत्ति: मीडिया रिपोर्ट

'द हिंदू' अख़बार ने दावा किया है कि फ्रांस सरकार के साथ रफाल समझौते को लेकर रक्षा मंत्रालय के साथ-साथ पीएमओ भी समानांतर बातचीत कर रहा था. द वायर द्वारा भी इस साल जनवरी में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि रक्षा मंत्रालय के रफाल करार की शर्तों को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय समझौता कर रहा था.

नरेंद्र मोदी के पास विपक्ष पर भ्रष्टाचार के मामले चलाने लायक विश्वसनीयता नहीं बची है

मोदी सरकार द्वारा किसी भी तरह की फास्ट ट्रैक कार्यवाही के इरादे के बिना जांच एजेंसियों के कथित पक्षपातपूर्ण इस्तेमाल को संगठित विपक्ष द्वारा बखूबी भुनाया जाएगा.

प्रियंका गांधी का करिश्मा भी यूपी में कांग्रेस को हार से नहीं बचा सकता

भारतीय राजनीति में करिश्माई नेतृत्व ने कई करिश्मे दिखाए हैं, लेकिन किसी भी दौर में करिश्मे के मुकाबले ज़मीनी समीकरण और समुदायों की गोलबंदियां ज्यादा प्रभावी रही हैं. फिलहाल कांग्रेस कम से कम यूपी में तो इन दोनों मोर्चों पर पिछड़ती नज़र आ रही है.

मध्य प्रदेश: गोहत्या के मामले में तीन पर रासुका

खंडवा का मामला, पुलिस ने कहा संवेदनशील क्षेत्र होने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत मामला दर्ज किया. शिवराज सरकार में 2007-16 के बीच गोहत्या के मामले में 22 लोगों को रासुका में गिरफ़्तार किया गया था.

पश्चिम बंगाल: जिस पूर्व आईपीएस के घर सीआईडी छापे में 2.5 करोड़ रुपये मिले वह भाजपा में शामिल

भाजपा में शामिल हुईं पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष जबरन वसूली और आपराधिक षड्यंत्र के मामले में सीआईडी जांच के दायरे में हैं, जबकि उनके पति राजू हिरासत में हैं.

मीडिया बोल, एपिसोड 84: सीबीआई का डंडा और लोकतंत्र का गिरता झंडा

मीडिया बोल की 84वीं कड़ी में उर्मिलेश सीबीआई से जुड़े विवाद पर वरिष्ठ पत्रकार गौतम लाहिरी, शीतल सिंह और वकील श्रीजी भावसर से चर्चा कर रहे हैं.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: ‘पत्रकारों पर रासुका लगाने के पीछे सरकार का उद्देश्य बाकी पत्रकारों को डराना है’

बीते नवंबर में मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार कर एक साल के लिए जेल में डाल दिया गया. उन पर सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की आलोचना करने का आरोप है. किशोरचंद्र की पत्नी रंजीता एलांगबम और उनके वकील श्रीजी भावसार से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

अयोध्या की 67 एकड़ अविवादित भूमि पर वाजपेयी ने कहा था- सरकार यथास्थिति बनाए रखने को प्रतिबद्ध

केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग किया है कि अयोध्या में विवादित ज़मीन के आसपास जो 67 एकड़ अविवादित ज़मीन है उससे कोर्ट यथास्थिति हटा ले और यह हिस्सा उसके मूल मालिक को वापस कर दे.

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