गुजरात चुनाव से धर्मनिरपेक्षता क्यों गायब हो गई है?

पूरे विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच ख़ुद को असली और प्रतिद्वंद्वी को नकली हिंदू सिद्ध करने की प्रतियोगिता-सी चल पड़ी.

मोदी ने देश को तबाह कर दिया है और प्रधानमंत्री पद की गरिमा कम की है: शरद पवार

पूर्व कृषि मंत्री ने कहा, मनमोहन सिंह पर ऐसे आरोप लगाते हुए मोदी को शर्म आनी चाहिए. किसानों से कहा, सरकार को बिजली बिल और दूसरे बकाये का भुगतान न करें.

भाजपा और संघ नफ़रत की सियासत छोड़ें तो हम साथ देने को तैयार: जमीयत

मौलाना अरशद मदनी ने कहा, मुल्क की ख़राब सूरत-ए-हाल से निपटना हर हिंदुस्तानी का फ़र्ज़ है. अगर मुल्क़ में ख़ुदा ना ख़ास्ता बरबादी आई तो वह हिंदू या मुसलमान नहीं देखेगी.

वसुंधरा सरकार ने गौरवशाली राजस्थान को मुंह दिखाने लायक भी नहीं छोड़ा: गहलोत

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज कोई तबका राजस्थान सरकार से खुश नहीं है. व्यापारी जीएसटी से दुखी है. युवा नौकरी के रास्ते नहीं खुलने से परेशान हैं.

सांप्रदायिकता डर का व्यापार है, मोदी गुजरात में डर बेच रहे हैं

मोदी चाहते हैं कि हम भारत के लोग ज्ञात-अज्ञात दुश्मनों से डरने वाली एक कमज़ोर क़ौम बनें ताकि सांप्रदायिक राजनीति का दैत्य निडर होकर घूम सके.

शंभूलाल जैसे मानव बम राजनीति और मीडिया ने ही पैदा किए हैं

बीसियों साल से जिस तरह की विभाजनकारी राजनीति हो रही है, मीडिया के सहयोग से जिस तरह समाज में ज़हर बोया जा रहा है, उसकी फसल अब लहलहाने लगी है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 162: मोदी का गुजरात चुनाव प्रचार और एफआरडीआई विधेयक 

जन गण मन की बात की 162वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री के गुजरात चुनाव प्रचार और वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक पर चर्चा कर रहे हैं.

मणिशंकर ने पाकिस्तान को मोदी की सुपारी दी तो मोदी ने कार्रवाई क्यों नहीं की: विपक्ष

गुजरात चुनाव राउंडअप: वामदल और जदयू ने कहा, मोदी मुद्दों के बजाय गुजरात में पाकिस्तान के दख़ल की बात करते हैं, आरोप में दम है तो उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए.

भारत किसी ख़ास धर्म के लोगों का नहीं, तमाम ख़ूबसूरत फूलों का एक गुलदस्ता है: अब्दुल्ला

फारूक़ अब्दुल्ला ने संघ को दी उन्माद से बचने की नसीहत, कहा- धार्मिक आधार पर देश को बांटने का चलन राष्ट्रहित के लिए घातक. इधर आरएसएस के भैयाजी जोशी ने कहा, हिंदुत्व से बदलेगा समाज.

विरोध के स्वर दबाने की कोशिशों का कलाकारों को प्रतिकार करना चाहिए: प्रकाश राज

पांच बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता प्रकाश राज ने कहा कि अगर एक आवाज़ दबाई जाएगी तो और ज़्यादा मज़बूत आवाज़ें सामने आएंगी.

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