रफाल सौदे के बाद फ्रांस सरकार ने अनिल अंबानी के 1100 करोड़ रुपये के टैक्स माफ़ किए: रिपोर्ट

फ्रांसीसी अख़बार ले मोंदे की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 में रफाल सौदे की घोषणा के बाद फ्रांस के अधिकारियों ने अनिल अंबानी समूह की एक कंपनी का 143.7 मिलियन यूरो का टैक्स माफ़ किया था.

चुनावी बॉन्ड के ज़रिये मिले चंदे की जानकारी चुनाव आयोग को दें सभी राजनीतिक दल: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सभी दलों को निर्देश दिया है कि 30 मई तक वे चुनावी बॉन्ड की राशि और इसके दानकर्ताओं के नाम समेत सभी जानकारी सीलबंद लिफाफे में चुनाव आयोग को दें. अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला विस्तृत सुनवाई के बाद लिया जाएगा.

मतदाताओं को राजनीतिक दलों को मिल रहे पैसे का स्रोत जानने का हक़ नहीं: अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल

सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉन्ड के ख़िलाफ़ याचिका की सुनवाई पूरी, शुक्रवार को आएगा फ़ैसला. सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि चुनावी बॉन्ड काले धन पर रोक लगाने के लिए एक प्रयोग है और लोकसभा चुनाव तक अदालत को इसमें दख़ल नहीं देना चाहिए.

हम इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं, बल्कि इससे जुड़े नाम उजागर न करने ख़िलाफ़ हैं: चुनाव आयोग

सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाने की याचिका पर हो रही सुनवाई में मोदी सरकार ने बॉन्ड देने वालों की गोपनीयता को बनाए रखने की बात कही, वहीं चुनाव आयोग ने कहा कि पारदर्शिता के लिए दानकर्ताओं के नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए.

जस्टिस जोसेफ ने रफाल फैसले में कहा, मीडिया के कुछ वर्ग पक्षपात करते हैं

जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि यदि ज़िम्मेदारी की गहरी समझ के बिना प्रेस द्वारा स्वतंत्रता का फायदा उठाया जाता है, तो यह लोकतंत्र को कमज़ोर कर सकता है. एक स्वतंत्र व्यक्ति को निडर होना ज़रूरी है.

रफाल मामला: सुप्रीम कोर्ट ने गोपनीय दस्तावेज़ संबंधी केंद्र की आपत्तियों को ख़ारिज किया

याचिकाकर्ताओं ने पुनर्विचार याचिका में 'द हिंदू' अखबार द्वारा प्रकाशित राफेल डील से संबंधित दस्तावेज पेश किए थे. इस पर आपत्ति जताते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि ऐसी जानकारी को सुनवाई में शामिल नहीं किया जा सकता क्योंकि इन्हें ‘विशेषाधिकार’ का संरक्षण प्राप्त है.

इलेक्टोरल बॉन्ड ने ‘क्रोनी कैपिटलिज़्म’ को वैध बना दिया: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि पहले चुनाव आयोग को ये पता चलता था कि 20,000 रुपये से ऊपर का चंदा किसने और किस पार्टी को दिया है. लेकिन, इलेक्टोरल बॉन्ड की वजह से अब ये जानकारी पूरी नहीं मिलती है.

चुनावी साल में इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री में 62 फीसदी की वृद्धि: आरटीआई

इस साल जनवरी और मार्च में बैंक ने 1,716.05 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे. वहीं, साल 2018 में मार्च, अप्रैल, मई, जुलाई, अक्टूबर और नवंबर के माह में 1,056.73 करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचे गए थे.

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, इलेक्टोरल बॉन्ड से राजनीतिक चंदे की पारदर्शिता पर खतरा है

आयोग ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना और कॉरपोरेट फंडिंग को असीमित करने से राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे के पारदर्शिता पहलू पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. राजनीतिक दलों को अनियंत्रित विदेशी फंडिंग की अनुमति मिलेगी और इससे भारतीय नीतियां विदेशी कंपनियों से प्रभावित हो सकती हैं.

मैं चौकीदार नहीं हो सकता क्योंकि मैं ब्राह्मण हूं: भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी

थांथी टीवी नाम के एक तमिल समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में स्वामी ने कहा कि ब्राह्मण होने की वजह से उन्होंने ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द नहीं जोड़ा.

क्या मोदी सरकार ने चुनावी फायदे के लिए एक स्वतंत्र और विश्वसनीय लोकपाल की बलि दे दी

लोकपाल के अध्यक्ष और इसके सदस्यों की नियुक्ति में सत्ता पक्ष के सदस्यों की संख्या अधिक थी और चयन में पूरी तरीके से गोपनीयता बरती गई. ऐसा करना लोकपाल कानून के प्रावधानों का पूरी तरह से उल्लंघन है. चयन प्रक्रिया से समझौता करके मोदी सरकार ने कामकाज शुरू करने से पहले ही लोकपाल संस्था को कमजोर कर दिया है.

जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष भारत में लोकपाल के पहले अध्यक्ष नियुक्त

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पीसी घोष को देश के पहले लोकपाल के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दी. इसके अलावा लोकपाल में आठ सदस्यों की नियुक्ति भी की गई.

नरेंद्र मोदी का ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान महज़ पाखंड है

मोदी का प्रचार करने वाले उन्हें 'चौकीदार' कहने वाले अभियान के सहारे उनकी छवि बदलना चाहते हैं. हालांकि उनकी भ्रष्टाचार-विरोधी साख की सच्चाई का पता उनके कार्यालय और सरकार द्वारा बड़े उद्योगपतियों के कथित आपराधिक भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई न करने से लगाया जा सकता है.

रफाल: केंद्र सरकार की प्रारंभिक आपत्तियों पर पहले फ़ैसला करेगा सुप्रीम कोर्ट

गुरुवार को सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सौदे संबंधी दस्तावेज़ों पर विशेषाधिकार का दावा करते हुए कहा कि संबंधित विभाग की अनुमति के बगैर कोई इन्हें अदालत में पेश नहीं कर सकता, जिस पर याचिकाकर्ता और वकील प्रशांत भूषण ने सरकार की आपत्तियों को दुर्भावनापूर्ण बताया.

रफाल: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, पुनर्विचार याचिका से राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरा

रक्षा सचिव संजय मित्रा द्वारा दाख़िल यह हलफ़नामा इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने छह मार्च को आरोप लगाया था कि पुनर्विचार याचिका उन दस्तावेज़ों पर आधारित है जो रक्षा मंत्रालय से चुराए गए हैं. हालांकि दो दिन बाद अपनी बात से पलटते हुए उन्होंने कहा था कि दस्तावेज़ चोरी नहीं हुए बल्कि उनकी फोटो कॉपी कराई गई.

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