मध्य प्रदेश की दमोह विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में हार के बाद भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयंत मलैया को ज़िम्मेदार ठहराया था. भाजपा ने मलैया को कारण बताओ नोटिस भेजते हुए उनके बेटे और पांच मंडल अध्यक्षों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है.
बीते साल मार्च में शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आए तुलसीराम सिलावट और गोविंद राजपूत को मंत्री बनाया था, पर विधानसभा सदस्य न होने के कारण उन्हें अक्टूबर में इस्तीफ़ा देना पड़ा था. उपचुनाव में जीत के बाद वे फिर कैबिनेट का हिस्सा बने हैं.
28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव भाजपा सरकार को बचाने की दृष्टि से ही अहम नहीं था बल्कि अपने कई समर्थकों सहित कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक भविष्य भी दांव पर था. उपचुनाव में उनके कुल 19 में से 13 समर्थक जीत हासिल करने में सफल रहे हैं.
मध्य प्रदेश उपचुनाव में मिली इस जीत के साथ 230 सदस्यीय सदन में अब भाजपा विधायकों की संख्या 107 से बढ़कर 126 हो गई है, जबकि कांग्रेस के विधायकों की संख्या 87 से बढ़कर 96 हो गई है.
उपचुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस ने सरकार में वापसी का दावा करते हुए एक 'आरोप-पत्र' में भाजपा सरकार में हुए घोटालों की सूची देते हुए इनकी जांच करवाने की बात कही है. विधानसभा चुनाव से पहले भी पार्टी ने ऐसा पत्र जारी करते हुए यही कहा था. हालांकि सरकार आने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि किसी नेता का नाम स्टार प्रचारक की सूची से हटाना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है. चुनाव आयोग ने 30 अक्टूबर को मध्य प्रदेश उपचुनाव के प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन को लेकर कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा समाप्त कर दिया था.
चुनाव आयोग द्वारा स्टार प्रचारक का दर्जा छीने जाने के क़दम को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के चुनाव प्रचार पर एक दिन की रोक लगाई. आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए भाजपा उम्मीदवार गिरराज दंदोतिया और दो मंत्रियों- उषा ठाकुर और बिसाहू लाल साहू को नोटिस जारी.
भाजपा ने उपचुनाव वाली 28 में से 25 सीटों पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए विधायकों को टिकट दिया है, जिससे उन सीटों के मूल भाजपा कार्यकर्ता नाराज़ हैं. साथ ही पार्टी के वे नेता भी नाख़ुश हैं, जो दल बदलकर आए नेताओं के कारण सरकार में मंत्री नहीं बन सके.
मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं. इनमें से अधिकतर सीटें कांग्रेस के बागी विधायकों के पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई हैं.
दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता लेते हुए कहा कि वे छह महीने में भाजपा के विकास कार्यों से प्रभावित हुए हैं. मार्च से अब तक कांग्रेस के कुल 26 विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं.
मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के दौरान कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भाजपा की महिला उम्मीदवार को आइटम कह दिया था. दूसरी ओर राज्य सरकार में मंत्री और अनूपपुर से भाजपा उम्मीदवार बिसाहू लाल साहू ने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी की पत्नी के लिए अभद्र शब्द कहे. इस बीच चुनावी सभाओं में कोरोना निर्देशों के उल्लंघन पर हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कमलनाथ पर केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र भारतीय प्रेस परिषद ने कहा है कि निषेध अवधि में चुनाव के परिणाम का अनुमान लगाना धारा 126 एक का उल्लंघन है. इसलिए 28 अक्टूबर से सात नवंबर की शाम तक निषेध अवधि के दौरान प्रिंट मीडिया परिणाम वाले आलेख का प्रकाशन न करें.
उपचुनावों में अमूमन न उतरने वाली बसपा इस बार मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों पर उसका काफ़ी प्रभाव भी है, ऐसे में उसकी दावेदारी के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में इस साल मार्च से लेकर जुलाई के बीच पार्टी के कुल 25 विधायक भाजपा में जा चुके हैं, पार्टी की अंदरूनी उठापटक के बीच कई पदाधिकारियों ने इस्तीफ़े दिए. अब उपचुनावों के ठीक पहले पार्टी के अंदर से उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने लगे.
मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा 28 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. चुनाव आयोग ने फ़िलहाल चार अन्य राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की है.