बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ने एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से कहा कि जब यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे. अब हम अगर आपकी खुले तौर पर आलोचना करें तो यह यकीन नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे. इस बारे में चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ने इकोनॉमिक टाइम्स के एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से कहा कि जब यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे. अब हम अगर आपकी खुले तौर पर आलोचना करें तो इतना विश्वास नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे.
लोकसभा में नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' कहने पर हुए विवाद के बाद भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उनके बयान को ग़लत तरह से पेश किया गया. इस बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ठाकुर के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज करवाया है.
लोकसभा में प्रज्ञा ठाकुर द्वारा नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने को भाजपा ने निंदनीय बताते हुए उन्हें रक्षा मंत्रालय की परामर्श समिति से बाहर किए जाने की बात कही. साथ ही बताया कि उन्हें इस सत्र में पार्टी की संसदीय दल की बैठकों में हिस्सा लेने की अनुमति भी नहीं होगी.
एसपीजी संशोधन विधेयक पर हो रही बहस में द्रमुक सांसद ए. राजा नाथूराम गोडसे के एक बयान का संदर्भ दे रहे थे, जब भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते.
अगस्त 2017 में नीति आयोग से इस्तीफा देने वाले अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि आप आरसीईपी बाहर नहीं रह सकते हैं क्योंकि इसका मतलब होगा कि हम जो भी उन 15 देशों के बाजारों में निर्यात करेंगे उन पर भारी शुल्क लगेगा. वहीं, वे बिना किसी रोक-टोक के अपना सामान निर्यात करेंगे. इससे हमारे निर्यातकों को बहुत नुकसान होगा.
दुनिया की एक बड़ी आर्थिक शक्ति होने को लेकर भारत का दावा और शोर-शराबा ज़मीनी हक़ीक़त से मेल नहीं खाता.
'गांधी के रामराज्य के बारे में तुम क्या जानते हो? गांधी के राम के बारे में ही तुम क्या जानते हो? वैसे तुलसी के राम के बारे में ही तुम क्या जानते हो? सावरकर हो या गोलवलकर, उनके हिंदू राष्ट्र का हमारे रामराज्य से क्या लेना-देना?'
क्या ऐसा शख़्स, जिसने अंग्रेज़ सरकार के पास माफ़ीनामे भेजे, जिन्ना से पहले धर्म के आधार पर राष्ट्र बांटने की बात कही, भारत छोड़ो आंदोलन के समय ब्रिटिश सेना में हिंदू युवाओं की भर्ती का अभियान चलाया, भारतीयों के दमन में अंग्रेज़ों का साथ दिया और देश की आज़ादी के अगुआ महात्मा गांधी की हत्या की साज़िश का सूत्रसंचालन किया, वह किसी भी मायने में भारत रत्न का हक़दार होना चाहिए?
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने सावरकर की याद में डाक टिकट जारी किया था.
इस सवाल को लेकर विवाद होने के बाद अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है. हालांकि स्कूल प्रशासन ने महात्मा गांधी की आत्मकथा 'सत्य के प्रयोग' का हवाला देते हुए कहा है कि सवाल में कोई गलती नहीं है.
वीडियो: हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने कोलकाता की एक रैली में कहा कि हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन को देश छोड़कर नहीं जाना होगा. उनके इस बयान पर चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
ब्रिटिश राज में बने राजद्रोह क़ानून को सरकारों द्वारा अक्सर आज़ाद अभिव्यक्ति रखने वालों या सत्ता के विरुद्ध बोलने वालों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया गया है.
जयंती विशेष: जिस दौर में गांधी को ‘चतुर बनिया’ की उपाधि से नवाज़ा जाए, उस दौर में ये लाज़िम हो जाता है कि उनकी कही बातों को फिर समझने की कोशिश की जाए और उससे जो हासिल हो, वो सबके साथ बांटा जाए.
आज हमारे सामने ऐसे नेता हैं जो केवल तीन काम करते हैं: वे भाषण देते हैं, उसके बाद भाषण देते हैं और फिर भाषण देते हैं. सार्वजनिक राजनीति से करनी और कथनी में केवल कथनी बची है. गांधी उस कथनी को करनी में तब्दील करने के लिए ज़रूरी हैं.