बीते साल मई में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपने एक ट्वीट में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर समस्या और राजीव गांधी को सिख दंगों तथा बोफ़ोर्स घोटाले के लिए ज़िम्मेदार ठहराया था. इस ट्वीट को भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने रिट्वीट किया था. इसके विरोध में छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस ने केस दर्ज कराया था.
वीडियो: मौजूदा दौर में राजनीति और मीडिया के बड़े मंच ऐसे दयनीय हाल में हैं कि ख़ुद ही चुटकुला बन गए हैं. दूसरी तरफ गंभीर पत्रकारों या कॉमेडियंस की टिप्पणियों से कभी सरकार, तो कभी न्यायपालिका को आहत हो रहे हैं. इन्हीं मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन और टीवी एंकर मीनाक्षी श्योराण से चर्चा कर रहे हैं उर्मिलेश.
वीडियो: पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार प्रिया रमानी को बरी कर दिया है. प्रिया रमानी ने साल 2018 में ‘मीटू’ मुहिम के तहत तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.
वीडियो: पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अकबर ने उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था. इस मामले में प्रिया रमानी को बरी कर दिया गया है.
पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर मानहानि के मुक़दमे से बरी होने के बाद कहा कि उन्हें अच्छा लग रहा है कि अदालत के सामने उनका सच सही साबित हुआ. उन्हें बरी करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि गरिमा के अधिकार की क़ीमत पर प्रतिष्ठा के अधिकार को संरक्षित नहीं किया जा सकता.
प्रिया रमानी ने साल 2018 में ‘मीटू’ मुहिम के तहत तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. अकबर द्वारा दायर मानहानि मामले से रमानी को बरी करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि गरिमा के अधिकार की क़ीमत पर प्रतिष्ठा के अधिकार को संरक्षित नहीं किया जा सकता.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की कवरेज को लेकर रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ सत्र अदालत में दायर मानहानि की शिकायत में दावा किया गया है कि अभिनेता की मौत से संबंधित ख़बरों की कवरेज के दौरान अर्णब ने अत्यंत झूठे, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक बयान दिए थे.
साल 2018 में पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद अकबर ने उनके ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर कराया था.
साल 2018 में ‘मी टू’ मुहिम के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी समेत कई महिलाओं ने आरोप लगाया था कि एमजे अकबर ने उनका यौन उत्पीड़न किया था. इसके बाद अकबर ने इन आरोपों का खंडन करते हुए रमानी के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर कराया था.
पत्रकार प्रिया रमानी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर मानहानि मामले को दूसरे कोर्ट को भेजने के निर्णय का अर्थ है कि आख़िरी दौर की जिरहों को दोबारा सुना जाएगा. निश्चित रूप से न्यायिक प्रशासन की इस बड़ी ग़लती के लिए किसी को तो जवाबदेह होना होगा.
पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद अकबर ने उनके ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर कराया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद उनके खिलाफ निजी आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी.
ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने अपने कार्यक्रम में दावा किया था कि महुआ मोइत्रा द्वारा संसद में फासीवाद को लेकर दिया गया भाषण 'चोरी किया हुआ' था.
केंद्र सरकार की उपक्रम एक कंपनी द्वारा उन पर किए स्टिंग ऑपरेशन के लिए एक समाचार चैनल पर मानहानि का मुकदमा किया गया था. इसे ख़ारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं क्योंकि वे ग़लत कामों के खुलासे में मदद करते हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक हैं, जिनसे समाज में उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है.