केंद्र ने चारों दोषियों को फांसी दिए जाने पर रोक के ख़िलाफ़ उसकी याचिका ख़ारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फ़ैसले को चुनौती दी है. वहीं, एक दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका ख़ारिज करने को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.
निर्भया बलात्कार और हत्या मामले के कुछ दोषियों के कानून विकल्प बचे होने के कारण निचली अदालत ने दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी थी. केंद्र और दिल्ली सरकार ने निचली अदालत के 31 जनवरी के इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
साल 2012 में 16 दिसंबर की रात राजधानी दिल्ली में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से एक चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार करने के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट की थी. 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई थी.
राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर सोच-समझ कर फैसला न करने के निर्भया गैंगरेप-हत्या मामले के दोषी मुकेश के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दया याचिका का शीघ्र निपटारा किए जाने का यह मतलब नहीं है कि राष्ट्रपति ने सोच-समझकर फैसला नहीं किया.
देश के पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन की याद में आयोजित व्याख्यान के दौरान पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र समय की कसौटी पर हर बार खरा उतरा है.
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सज़ा पाने वाले चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता ने ख़ुद के नाबालिग होने का दावा ठुकराने के दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय के ख़िलाफ़ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी.
सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की इस अपील पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि पूरा देश चाहता है कि दोषियों को फांसी हो. ऐसे लोगों की वजह से बलात्कार पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिलता.
साल 2012 में 16 दिसंबर की रात राजधानी दिल्ली में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से एक चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार करने के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट की थी. 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई थी.
गृह मंत्रालय ने गुरुवार रात को मुकेश सिंह की दया याचिका को राष्ट्रपति भवन भेजा था.
साल 2012 में निर्भया बलात्कार और हत्या मामले के चारों दोषियों में से एक ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल कर डेथ वॉरंट ख़ारिज करने की अपील की है. हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी डेथ वॉरंट को ख़ारिज करने से मना कर दिया.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के सभी दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी किया है. दोषियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए 14 दिनों का समय दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोषी अक्षय के वकील ने पीठ से कहा कि अक्षय को मृत्युदंड दिया गया क्योंकि वह ग़रीब परिवार से ताल्लुक़ रखता है और मीडिया और राजनीतिक दबाव की वजह से उनके मुवक्किल को दोषी ठहराया गया.
सीजेआई एसए बोबडे ने निजी कारण बताते हुए 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में एक दोषी की याचिका पर हो रही सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया है.
तीन न्यायाधीशों की पीठ दोषी अक्षय कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी. सिंह के वकील ने पुनर्विचार याचिका में कहा है कि उन्हें ऐसे वक्त में मौत की सजा दी जा रही है, जब बढ़ते प्रदूषण के चलते जीवनकाल छोटा हो रहा है.
दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दया याचिका वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि बिना उसकी सहमति के दया याचिका भेजी गई थी.