रिवर्स रेपो रेट

दो दशक से अधिक समय में मूडीज ने पहली बार घटाई भारत की रेटिंग

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने इससे पहले 1998 में भारत की रेटिंग को कम किया था. मूडीज ने कहा कि सुधारों की धीमी गति और नीतियों की प्रभावशीलता में रुकावट ने भारत की धीमी वृद्धि में योगदान किया. यह स्थिति कोविड-19 के आने से पहले ही शुरू हो चुकी थी.

आरबीआई के तीसरे शीर्ष अधिकारी ने कार्यकाल समाप्त होने से पहले इस्तीफा दिया

भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन से पहले गवर्नर उर्जित पटेल और डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया था.

केंद्र सरकार ने माइकल पात्रा को आरबीआई का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया

भारतीय रिजर्व बैंक के नए डिप्टी गवर्नर के रूप में माइकल देवव्रत पात्रा की नियुक्ति पिछले साल जुलाई में इस्तीफा देने वाले पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के जगह हुई है.

भारत की अर्थव्यवस्था गंभीर सुस्ती के दौर में, तत्काल नीतिगत कदमों की जरूरत: आईएमएफ

आईएमएफ एशिया और प्रशांत विभाग में भारत के लिए मिशन प्रमुख रानिल सलगादो ने कहा कि भारत के साथ मुख्य मुद्दा अर्थव्यवस्था में सुस्ती का है. इसकी वजह वित्तीय क्षेत्र का संकट है. इसमें सुधार उतना तेज नहीं होगा जितना हमने पहले सोचा था.

New Delhi: Finance Minister Nirmala Sitharaman addresses a press conference after presenting the Union Budget 2019-20, in New Delhi, Friday, July 5, 2019. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI7_5_2019_000138B)

आर्थिक वृद्धि धीमी हुई लेकिन अर्थव्यस्था में मंदी नहीं: निर्मला सीतारमण

देश में आर्थिक संकट को लेकर राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब से असंतोष जताते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और वाम दलों के सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया. उनका कहना था कि वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था के सामने खड़े मसलों के समाधान के बजाय अपना बजट भाषण पढ़ रही हैं.

चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान: एसबीआई रिपोर्ट

एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रहने की संभावना है. इसका कारण वाहनों की बिक्री में कमी, हवाई यातायात में कमी, बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि दर स्थिर रहने तथा निर्माण एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश में कमी है.

मू​डीज़ ने कम आर्थिक वृद्धि का हवाला देकर भारत की रेटिंग घटाई

रेटिंग एजेंसी मू​डीज़ ने कहा कि पहले के मुक़ाबले आर्थिक वृद्धि के बहुत कम रहने की आशंका है. एक अन्य एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भी हाल ही में चेतावनी दी थी कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र में जोख़िम बढ़ रहे हैं.

भारत के लिए राजकोषीय घाटे को काबू में रखना जरूरी: आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. इससे पहले विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर छह प्रतिशत कर दिया था. वित्त वर्ष 2018-19 में वृद्धि दर 6.9 फीसदी रही थी.

विश्व बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर छह प्रतिशत किया

वित्त वर्ष 2018-19 में वृद्धि दर 6.9 फीसदी रही थी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की संयुक्त वार्षिक बैठक से पहले जारी रिपोर्ट में लगातार दूसरे साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट का अनुमान व्यक्त किया गया है.

रिजर्व बैंक ने रेपो दर घटाई, वाहन, आवास लोन सस्ते हो सकते हैं

रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को नकदी उपलब्ध कराता है जबकि रिवर्स रेपो दर पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यक बैंकों से अतिरिक्त नकदी वापस लेता है.

New Delhi: Reserve Bank of India Governor Shaktikanta Das interacts with the media at the RBI office, in New Delhi, Monday, Jan. 7, 2019.(PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI1_7_2019_000090B)

आरबीआई गवर्नर ने माना, अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही है

प्रमुख नीतिगत दर रेपो में पहली बार 0.35 प्रतिशत की चौंकाने वाली कटौती करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था को अधिक समर्थन की जरूरत है, इसलिए मेरा मानना है कि नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की परंपरागत कटौती कम होगी.

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने इस्तीफ़ा दिया

भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपना कार्यकाल पूरा होने से छह महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले दिसंबर 2018 में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार के साथ मतभेदों के कारण कार्यकाल पूरा होने से नौ महीने पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया था.

New Delhi: Reserve Bank of India Governor Shaktikanta Das interacts with the media at the RBI office, in New Delhi, Monday, Jan. 7, 2019.(PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI1_7_2019_000090B)

आरबीआई ने रेपो दर में की 0.25 फीसदी कटौती, कहा- आर्थिक वृद्धि दर कमज़ोर पड़ी

आरबीआई की मौद्रिक नीति घोषणा में इस बात पर अफसोस जताया गया है कि बैंकों के लिए नीतिगत दरों में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक अभी नहीं पहुंचाया गया है. नीतिगत दरों में पहले 0.50 फीसदी की कमी की गई पर बैंकों ने क़र्ज़ पर ब्याज दर में औसतन केवल 0.21 फीसदी की ही कमी की है.

रिज़र्व बैंक ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाई, सस्ते होंगे कर्ज

इसके साथ ही रिज़र्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019- 20 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.4 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया. रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिज़र्व बैंक दूसरे कॉमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है.