दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात सामने आने के बाद कई विदेशी नागरिकों पर लॉकडाउन और वीज़ा शर्तों के उल्लंघन के आरोप में मामले दर्ज किए गए थे.
पहली घटना बांदा ज़िले के अलिहा गांव और दूसरी घटना चिल्ला थाना क्षेत्र के दिघवट की है. एक मज़दूर हरियाणा में ईंट पथाई का काम करते थे, जबकि दूसरे दिल्ली में मज़दूरी करते थे. लॉकडाउन के बाद दोनों अपने अपने घर लौट आए थे.
नागरिक अधिकार संगठनों के संगठित समूह ने एक हफ्ते तक डिजिटल जनता संसद में इस दौरान स्वास्थ्य सेवा का अधिकार, बिना आधार लिंक किए हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सार्वभौमिकरण और मूलभूत आय जैसी मांगें उठाईं. इस सत्र में कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया.
कोरोना महामारी के चलते क़र्ज़ की किस्तों को स्थगित किए जाने के दौरान लोन पर ब्याज लेने के मुद्दे पर अपना रुख़ साफ नहीं करने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि समस्या आपके लॉकडाउन द्वारा पैदा की गई है. ऐसा प्रतीत होता है कि भारत सरकार स्वतंत्र फैसला नहीं ले रही है और आरबीआई पर निर्भर है.
रिज़र्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया है कि मार्च 2018 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या 33,632 लाख थी, जो मार्च, 2019 के अंत तक घटकर 32,910 लाख पर आ गई. मार्च 2020 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या और घटकर 27,398 लाख पर आ गई है.
आरबीआई ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि भारत को सतत वृद्धि की राह पर लौटने के लिए तेज़ी से और व्यापक सुधारों की ज़रूरत है. रिपोर्ट में कहा गया है अब तक सकल मांग के आकलन से पता चलता है कि खपत पर असर काफ़ी गंभीर है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस महामारी ने एक नई असमानता को उजागर किया है.
मामला उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले का है. पांच वर्षीय बच्ची के पिता के टीबी से पीड़ित हैं. परिवार के पास पिछले एक महीने से कोई काम नहीं था और हाल के दिनों में उनके पास भोजन भी खत्म हो गया था.
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में केंद्रीय गृह सचिव ने कहा है कि ऐसी खबरें मिली हैं कि विभिन्न ज़िलों और राज्यों द्वारा स्थानीय स्तर पर आवाजाही पर पाबंदी लगाई जा रही है. ऐसी पाबंदियों से विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के अंतरराज्यीय आवागमन में दिक्कतें पैदा होती हैं और इससे आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ता है.
पर्यूषण पर्व के लिए मुंबई के दादर, बायकुला और चेंबूर में जैन मंदिरों को खोलने की इजाज़त देते हुए सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हमें यह अजीब लगता है कि राज्य आर्थिक हितों से जुड़ी गतिविधियों की अनुमति देने के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर इसमें धर्म शामिल है तो वे कोविड-19 का हवाला देते हैं.
लॉकडाउन के बाद गृह राज्यों से केरल पहुंच रहे कामगारों का कहना है कि नियमानुसार उन्हें 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन में रहना है, लेकिन इसके लिए उनसे पैसे मांगे जा रहे हैं और न दे पाने की स्थिति में वापस लौटने को कहा जा रहा है.
लॉकडाउन के दौरान 29 मार्च को राजू वेलु नामक युवक अपने रिश्तेदार के यहां जाने के लिए घर से निकले थे. आरोप है कि लॉकडाउन नियम तोड़ने को लेकर पुलिस ने बेरहमी से उनकी पिटाई की, जिससे उनकी मौत हो गई.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अकेले जुलाई महीने में ही 50 लाख नौकरियां गई हैं.
एनसीईआरटी द्वारा 18 हज़ार से अधिक स्कूलों पर किए गए सर्वे में कुल 35,000 छात्रों, शिक्षकों, प्रिंसिपलों और अभिभावकों को शामिल किया गया था. इसमें से लगभग 28 प्रतिशत ने बिजली बीच में कटने या इसकी कमी को एक बड़ी बाधा बताया, वहीं 33 फीसदी बच्चों ने कहा कि ऑनलाइन लर्निंग कठिन है.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और एशियाई विकास बैंक की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी के कारण युवाओं के लिए रोज़गार की संभावनाओं को भी झटका लगा है, जिसके कारण तत्काल 15 से 24 साल के युवा 25 और उसे अधिक उम्र के लोगों के मुकाबले ज़्यादा प्रभावित होंगे.
वीडियो: बीते 24 मार्च को कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद पूरे देश से मज़दूर पलायन कर अपने मूल राज्यों को लौट गए थे. हालांकि वहां कोई काम न मिलने के बाद अब मज़दूरों ने वापस बड़े शहरों का रुख़ करना शुरू कर दिया है. दिल्ली लौटे मज़दूरों से बातचीत.