ग्राउंड रिपोर्ट: राज्य की सभी सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होना है. 2014 में भाजपा ने राज्य की सभी सीटें जीती थीं, जबकि 2009 में कांग्रेस ने. चुनावी रंगत रोज़ बदल रही है पर बीते कई चुनावों की तरह इस बार भी वोट एकतरफा नहीं पड़ेंगे. दिनेश जुयाल की रिपोर्ट.
11 अप्रैल को पहले चरण के चुनाव में गौतमबुद्ध नगर में मतदान होगा. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने मायावती के पैतृक गांव बादलपुर का जायज़ा लिया.
मीडिया बोल की 93वीं कड़ी में उर्मिलेश लोकसभा चुनाव से ऐन पहले लॉन्च हुए नमो टीवी पर वरिष्ठ पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से चर्चा कर रहे हैं.
पूर्वोत्तर विशेष की इस कड़ी में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सिक्किम की राजनीति के बारे में बता रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
घोषणा-पत्र में सरकारी नौकरियों को एक शब्द के लायक न समझकर भाजपा ने साबित कर दिया है कि उसके लिए नौजवान और रोज़गार दोनों का मतलब बदल गया है.
लोकसभा चुनाव: भाजपा हो या कांग्रेस दोनों के इर्द-गिर्द ही उत्तराखंड की राजनीति का पहिया राज्य बनने के दौर से घूम रहा है. चाल-चरित्र के मामले में दोनों में कोई भी बुनियादी फ़र्क़ न होने से अलग राज्य बनने के पीछे के सपने चकनाचूर होते चले गए.
1957 के लोकसभा चुनाव में मथुरा से कांग्रेस और जनसंघ के उम्मीदवारों को पछाड़ते हुए स्वतंत्र रूप से लड़े राजा महेंद्र प्रताप सिंह विजयी हुए थे. अटल बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश में लखनऊ, बलरामपुर और मथुरा सीट से चुनाव लड़े थे और बलरामपुर से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.
भाजपा ने अपने 2019 के संकल्प पत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानने, आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टालरेंस की नीति अपनाने, किसानों और छोटे दुकानदारों के लिए 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन की योजना सहित नए भारत के निर्माण के लिए लोगों से जनादेश मांगा.
एक नए अध्ययन से पता चला है कि पैसे की कमी की वजह से बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के ग्रामीण इलाकों के करीब 85 फीसदी उज्ज्वला लाभार्थी अभी भी खाना पकाने के लिए ठोस ईंधन यानी कि मिट्टी के चूल्हे का उपयोग करते हैं.
कांग्रेस का घोषणा-पत्र कम से कम इस अर्थ में बहुत सार्थक है कि तात्कालिक रूप से ही सही, देश के राजनीतिक विमर्श की दशा व दिशा बदलने के संकेत मिल रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि चुनावी सभा के बाद दोपहर के भोजन के लिए बिरयानी परोसी जानी थी लेकिन वहां मौजूद लोगों में पहले बिरयानी खाने की होड़ में मारपीट हो गई.
पूर्वोत्तर विशेष की इस कड़ी में त्रिपुरा की राजनीति के बारे में बता रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
ऑडियो: इलेक्शननामा की इस कड़ी में सुनिए लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र उत्तर पूर्व के राजनीतिक माहौल और मुद्दों के बारे में. साथ ही द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती के साथ चर्चा कि इस बार पूर्वोत्तर का चुनाव राष्ट्रीय परिदृश्य में क्यों अहम है.
बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि नाम लेबल होते हैं. लेबल से आप वस्तु के बारे में जान सकते हैं, इसीलिए सभी विज्ञापनबाज़ एक अच्छे नाम की खोज में रहते हैं. अगर नाम आकर्षक नहीं है तो जनता आपके माल को पूछेगी भी नहीं.
विशेष रिपोर्ट: पिछले उपचुनाव में गोरखपुर से मिली हार के चलते पूरे देश में भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सीट अब पार्टी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे अधिक चिंता की सीट बन गई है.