लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिक के संबंध में जारी एक बयान में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि आज हम इतिहास के एक नाज़ुक मोड़ पर खड़े हैं. हमारी सरकार के निर्णय एवं उसके द्वारा उठाए गए क़दम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करेंगी.
भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि भारतीय सीमा में न कोई घुसा है, न किसी पोस्ट को क़ब्ज़े में लिया गया है. इस पर सवाल उठने के बाद पीएमओ ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणियों की 'शरारतपूर्ण व्याख्या' की कोशिश की जा रही है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने बीते शुक्रवार अपना दावा दोहराया था कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर है. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन का दावा ख़ुद उनके द्वारा अतीत में अपनाए गए रुख के अनुरूप नहीं है.
चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा पहली बार गलवान घाटी पर दावा जताने के बाद 16 जून को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था चीनी पक्ष गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर बनी सहमति के ख़िलाफ़ गया है.
भारत-चीन सीमा पर 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बुलाई सर्वदलीय बैठक में कहा कि भारतीय सीमा में न कोई घुसा था न किसी पोस्ट को कब्ज़े में लिया गया था. उनके बयान पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं.
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प के बाद चीन द्वारा कुछ भारतीय सैनिकों को बंधक बनाने की बात सामने आई थी, लेकिन सेना ने किसी भी सैनिक के लापता होने से इनकार किया था. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने गुरुवार शाम को एक लेफ्टिनेंट कर्नल और तीन मेजर समेत 10 सैन्यकर्मियों को रिहा किया है.
लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है.
भारत ने गलवान को हमेशा से उस क्षेत्र के बतौर देखा है, जहां लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर कोई विवाद ही नहीं रहा.
वर्ष 1967 में सिक्किम के नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है. उस टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज़्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे.
भारतीय सेना ने बताया है कि लद्दाख की गलवान घाटी सोमवार रात हिंसक टकराव में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए. पिछले 45 सालों में भारत-चीन सीमा पर पहली बार सैनिकों की मौत का मामला सामने आया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन की सेनाओं के बीच लगभग एक महीने से चले आ रहे गतिरोध के संदर्भ में कहा कि चीन के सैनिक वहां तक आ गए हैं जिसको वे अपना क्षेत्र होने का दावा करते हैं, जबकि भारत का मानना है कि यह उसका क्षेत्र है. भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच छह जून को बैठक निर्धारित है.
ट्रंप ने इससे पहले कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच भी मध्यस्थता की पेशकश की थी लेकिन केंद्र ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. भारत का कहना है कि द्विपक्षीय संबंधों में तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है.
भारत और चीन के सैनिकों के बीच इसी तरह की घटना पैंगोंग झील के पास अगस्त 2017 में हुई थी. उसके बाद यह ऐसी पहली घटना है जिसमें दोनों ओर के सैनिकों के बीच झड़प हुई है.