पिछले साल कश्मीर में अपनी जीप के बोनट पर एक नागरिक को बांधकर घुमाने वाले मेजर लीतुल गोगोई को पुलिस ने हाल ही में एक होटल विवाद के बाद एक लड़की के साथ हिरासत में लिया था.
श्रीनगर के होटल में जिस लड़की के साथ रुकने को लेकर मेजर लीतुल गोगोई का स्टाफ से विवाद हुआ, उनकी मां ने बताया कि दो बार मेजर गोगोई अपने साथी समीर के साथ बिना किसी ख़ास कारण से उनके घर पहुंचे. साथ ही उन्हें धमकाया कि उनके वहां आने के बारे में किसी को न बताएं.
मेजर लीतुल गोगोई एक लड़की के साथ श्रीनगर के होटल में पहुंचे थे, जहां स्टाफ द्वारा लड़की को साथ रुकने की अनुमति न देने पर गोगोई का होटलकर्मियों से विवाद हुआ. गोगोई को पुलिस ने गिरफ़्तार कर पूछताछ के बाद उन्हें उनकी यूनिट के हवाले कर दिया.
कश्मीर में पिछले साल नौ अप्रैल को सेना ने फ़ारूक़ को पत्थरबाज़ बताते हुए जीप की बोनट से बांधकर कई गांवों में घुमाया था. घटना के एक साल बाद भी फ़ारूक़ अवसाद में हैं.
9 अप्रैल 2017 को सेना द्वारा जीप पर बांधकर घुमाए गए फ़ारूक़ अहमद डार साल भर बाद भी अपनी सामान्य ज़िंदगी में लौटने के लिए जूझ रहे हैं.
राज्य के गृह विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, जेल परिसर में करीब 300 मोबाइल फोनों का संचालन हो रहा है. रिपोर्ट को समय-समय पर गृह विभाग भेजा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
जम्मू कश्मीर: स्कूल अध्यक्ष ने कहा कि ये शिक्षक शादी से पहले रोमांटिक रिलेशनशिप में थे, जिसका छात्रों पर गलत असर पड़ता. अध्यापक ने कहा पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.
मुख्यमंत्री ने चरमपंथ से निपटने के लिए नरम रवैया अपनाने की वक़ालत करते हुए करीब चार हज़ार युवाओं के ख़िलाफ़ दर्ज पत्थरबाज़ी के मुक़दमे वापस लेने का आदेश दिया है.
तिहाड़ जेल आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बेटे सैयद शाहिद यूसुफ पर किसी भी प्रकार का हमला नहीं हुआ है.
भाजपा बोली- जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग, इसे नहीं मानने वालों को पाकिस्तान में शरण लेनी होगी.
नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, अगर केंद्र सरकार कश्मीरी लोगों का दिल जीतना चाहती है तो राज्य की स्वायत्तता बहाल करनी चाहिए.
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा, बहस में कश्मीरियों को गालियां दी जाती हैं. इससे कश्मीरी बाक़ी देश से कटने लगे हैं और देश के लोग कश्मीर के ख़िलाफ़ हो रहे हैं.
कश्मीरी पुलिसकर्मी अपने पेशे के चलते आतंकियों के लिए घृणा का पात्र बन जाते हैं वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी फिक्र करता कोई नहीं दिखता.
जम्मू कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को दिया निर्देश.
23 जून को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में डीएसपी अयूब पंडित की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.