वीडियो: असम में बाढ़ का कहर जारी है. इस मुद्दे पर पर्यावरण पत्रकार मुबीना अख़्तर और डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर कौस्तुभ डेका से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2013 से 2017 के बीच भारत में हर साल क़रीब साढ़े चार लाख बच्चियां जन्म के समय ही लापता हो गईं. प्रतिवर्ष लापता होने वाली अनुमानित 12 से 15 लाख बच्चियों में से 90 प्रतिशत से ज़्यादा चीन और भारत की होती हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोयले की 41 खदानों के व्यावसायिक खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू करने की मज़ूरी दे दी है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के चलते विभिन्न देशों में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से ढेर सारे बच्चों को अपने साथ दुर्व्यवहार करने वालों के साथ लगातार रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
चिल्ड्रन एंड आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट विषय पर अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने जम्मू कश्मीर में बच्चों की मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर में बच्चों के हताहत होने को लेकर चिंतित हूं और सरकार से मांग करता हूं कि वह बच्चों की सुरक्षा के लिए क़दम उठाए.
किंग्स कॉलेज लंदन और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों के एक अध्ययन में कहा गया है कि मध्यम आय वर्ग वाले विकासशील देशों में ग़रीबी बढ़ेगी जो वैश्विक स्तर पर ग़रीबी को बढ़ाएगा. दक्षिण एशिया का इलाका ग़रीबी की मार झेलने वाला दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र होगा.
ग़ैर-सरकारी संगठनों के गठबंधन ने लॉकडाउन में श्रम क़ानूनों में ढील देने से महिला श्रमिकों पर दुष्प्रभाव पड़ने की भी आशंका जताई है और सरकार से विधेयक की समीक्षा करने की अपील की है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि लाखों बच्चों को बाल श्रम में धकेले जाने की आशंका है. ऐसा होता है तो 20 साल में पहली बार बाल श्रमिकों की संख्या में इज़ाफ़ा होगा.
खाद्य सुरक्षा पर एक नीति जारी करते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि दुनिया की 7.8 अरब आबादी को भोजन कराने के लिए पर्याप्त से अधिक खाना उपलब्ध है, लेकिन वर्तमान में 82 करोड़ से ज़्यादा लोग भुखमरी का शिकार हैं. हमारी खाद्य व्यवस्था ढह रही है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि दुनियाभर में कोविड-19 ज़िंदगियों और आजीविकाओं को तबाह कर रहा है और सबसे कमज़ोर, सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं.
यूनिसेफ और मानवतावादी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रेन’ के संयुक्त अध्ययन में कहा गया है कि यदि महामारी के कारण होने वाली वित्तीय कठिनाइयों से परिवारों को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो कम और मध्यम आय वाले देशों में ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले बच्चों की कुल संख्या वर्ष के अंत तक 67.2 करोड़ तक पहुंच सकती है.
यह प्रस्ताव 35 देशों और यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों की ओर से पेश किए गए सात पेज के मसौदा प्रस्ताव का हिस्सा है. अमेरिका और चीन इस प्रस्ताव का हिस्सा नहीं हैं.
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने बीते बुधवार को अनुमान जताया था कि कोविड-19 महामारी के चलते इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.2 प्रतिशत की कमी आएगी. यह 1930 की महामंदी के बाद सबसे अधिक गिरावट होगी.
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ बास्कुट तुनचक ने कहा है कि विशाखापट्टनम का ताज़ा हादसा यह ध्यान दिलाता है कि अनियंत्रित उपभोग और प्लास्टिक के उत्पादन से किस तरह मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है.
यूनिसेफ ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित बच्चों को मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए 1.6 अरब डॉलर की मदद मांगी है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस शुक्रवार को कहा कि इंटरनेट से लेकर सड़कों तक हर जगह विदेशियों के ख़िलाफ़ नफ़रत बढ़ गई है. यहूदी विरोधी षड्यंत्र फैला है और कोविड-19 के संबंध में मुसलमानों पर हमले बढ़े हैं.