जन्मदिन विशेष: भारत के जिस संविधान का भीमराव आंबेडकर को निर्माता कहा जाता है उसके लागू होने के बाद 1952 में हुए देश के पहले लोकसभा चुनाव में वे बुरी तरह हार गए थे.
जन्मदिन विशेष: आज हम अपनी राजनीति में नियमों, नीतियों, सिद्धांतों, नैतिकताओं, उसूलों व चरित्र के जिन संकटों से दो-चार हैं, उनके अंदेशे भीमराव आंबेडकर ने तभी भांप लिए थे.
मुख्य न्यायाधीश के मुक़दमों के आवंटन के अधिकार को चुनौती देने वाली इस जनहित याचिका को पूर्व क़ानून मंत्री शांति भूषण ने दायर किया है.
उच्चतम न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने मामलों के आवंटन संबंधी पूर्व क़ानून मंत्री की जनहित याचिका को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया.
सीजेआई दीपक मिश्रा, एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने मामलों के आवंटन के संबंध में दायर याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि सीजेआई कार्यालय के पास विशेष अधिकार हैं.
वर्तमान समाज को सहानुभूति की नहीं, समानुभूति की ज़रूरत है. आज नीति बनाने वालों में ही 'समानुभूति' का तत्व खत्म हो चुका है. नीति बनाते समय उन्हें आंकड़े चाहिए होते हैं, एहसास नहीं.
हम भी भारत की 25वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी श्री श्री रविशंकर से उनके द्वारा अयोध्या मुद्दे पर दिए गए हालिया बयान के संदर्भ में सवाल-जवाब कर रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हमें सही को सही और ग़लत का ग़लत कहने की ज़रूरत है.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक याचिका के जवाब में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को पत्राचार में दलित शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि यह शब्द संविधान में नहीं है.
न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के उन चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से एक हैं जिन्होंने हाल ही में मामलों के आवंटन समेत कई समस्याओं को उठाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.
केजरीवाल अगर आदर्श की राजनीति कर रहे हैं, इसलिए उन्हें 21 विधायकों को संसदीय सचिव नहीं बनाना चाहिए था. तो क्या फिर बाकी मुख्यमंत्री लालच देने के लिए संसदीय सचिव का पद बांट रहे हैं?
दिल्ली के संसद मार्ग पर मंगलवार को हुई युवा हुंकार रैली में वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि वे संविधान और मनुस्मृति में से किसे चुनेंगे.
पुलिस बलों की भारी मौजूदगी में शुरू हुई रैली. कई विश्वविद्यालयों के छात्र मौजूद.
नरेंद्र मोदी सरकार कई अहम मोर्चों, मसलन रोज़गार और निवेश पर नाकाम रही है. जैसा कि हमने उत्तर प्रदेश और अब गुजरात में देखा, जब बाकी सारी चीज़ें चुक जाती हैं, तब हिंदुत्व काम आता है.
बाबा साहब आंबेडकर के पोते ने भाजपा पर साधा निशाना. कहा- यह सरकार दोबारा आई तो हम जो बात कर रहे हैं, यह करने का अधिकार भी छीन लिया जाएगा.