जिस तरह देश में सांप्रदायिक वैमनस्य बढ़ रहा है, उससे मुसलमानों के निराश और उससे कहीं ज़्यादा भयग्रस्त होने के अनेकों कारण हैं. समाज एक ‘बाइनरी सिस्टम’ से चलाया जा रहा है. अगर आप बहुसंख्यकवाद से सहमत हैं तो देशभक्त हैं, नहीं तो जिहादी, शहरी नक्सल या देशद्रोही, जिसकी जगह जेल में है या देश से बाहर.
भारत में एक नया रैडिकलाइजेशन शक्ल ले चुका है. इसे रोज़मर्रा का आतंकवाद कह सकते हैं. इसकी ख़ासियत यह है कि इसे 'इस्लामी आतंकवाद' से ठीक उलट हिंदुओं में व्यापक समर्थन प्राप्त है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि पत्थरबाज़ों और सार्वजनिक या किसी की व्यक्तिगत संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों को सज़ा दिलाने के साथ-साथ उनसे नुकसान की वसूली करने के लिए मध्य प्रदेश में जल्द ही सख़्त क़ानून बनेगा.
उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले का मामला. 22 वर्षीय युवक पर एक दलित युवती का अपहरण और बलात्कार करने का आरोप है. पुलिस ने अपहरण, बलात्कार और नए धर्मांतरण रोधी कानून से संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर युवक को बीते 10 दिसंबर को गिरफ़्तार किया था.
आरोप है कि उज्जैन के बेग़म बाग इलाके में भारतीय जनता युवा मोर्चा की रैली में कथित तौर पर सांप्रदायिक नारे लगाने के कारण कुछ लोगों ने पत्थबाज़ी कर दी थी. मध्य प्रदेश में कट्टरवादी हिंदू समूहों द्वारा ऐसी रैलियों के दौरान कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. ये रैलियां राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा जमा करने के उद्देश्य से निकाली जा रही हैं.
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि रबींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, ईश्वर चंद्र विद्यासागर और स्वामी विवेकानंद, सभी ने संयुक्त बंगाली संस्कृति की चाहत और पैरवी की थी और उनके सामाजिक लक्ष्य में एक समुदाय को दूसरे समुदाय के ख़िलाफ़ भड़काने की कोई जगह नहीं है.
इन 14 दर्ज मामलों में से 13 में आरोप लगाया गया है कि हिंदू महिला को इस्लाम क़बूलने के लिए मजबूर किया गया है. इसमें से सिर्फ़ दो मामलों में ही संबंधित महिला ने शिकायत दर्ज कराई है, बाकी के 12 मामलों में लड़की के परिजनों ने केस दर्ज कराया है.
बिहार में भाजपा के सहयोगी दल जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद केसी त्यागी ने कहा कि समाजवादियों ने डॉ. राम मनोहर लोहिया के दिनों से ही वयस्कों के विवाह के अधिकार को बरक़रार रखा है, चाहे वह किसी भी जाति और संप्रदाय में हो.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा धर्मांतरण विरोधी क़ानून लागू किए एक महीने हो चुके हैं. इसके तहत शादी के लिए छल-कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्म परिवर्तन कराए जाने पर अधिकतम 10 साल के कारावास और जुर्माने की सज़ा का प्रावधान है. उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां ये ऐसा क़ानून लागू हुआ है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक में इसे हरी झंडी दी गई. विधेयक में सामूहिक धर्म परिवर्तन कराए जाने पर कम से कम पांच साल और अधिकतम दस साल के कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. इस अधिनियम के तहत दर्ज मामले ग़ैर-ज़मानती होंगे.
उत्तर प्रदेश के एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न सिर्फ उनके परिवार बल्कि यूपी पुलिस से भी सुरक्षा देने की मांग की है. दिल्ली सरकार द्वारा सुरक्षा का भरोसा दिलाए जाने के बाद दोनों ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर का मामला. मुस्लिम युवक के ख़िलाफ़ पहले से शादीशुदा महिला से शादी करने को लेकर धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहा कि महिला वयस्क हैं और वह अपना भला-बुरा अच्छी तरह समझती हैं.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के कसया क़स्बे का मामला. युवक ने पुलिस पर पीटने का आरोप लगाया है. यह भी आरोप है कि पुलिस ने युवक-युवती को तब तक हिरासत में रखा, जब तक कि युवती के भाई ने प्रमाण देते हुए ये नहीं बताया दिया कि दोनों जन्म से मुस्लिम हैं और धर्मांतरण नहीं हुआ है.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले के कांठ कस्बे का मामला. प्रदेश में बीते 28 नवंबर को धर्मांतरण विरोध क़ानून लागू होने के बाद ऐसे कई केस दर्ज किए गए हैं. तीन दिसंबर को अलीगढ़ शहर में अंतर धार्मिक विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन कराने जा रहे एक मुस्लिम युवक को गिरफ्तार किया गया था.
मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का है. आरोप है कि युवक ने अपनी पहचान छिपाकर पंजाब के मोहाली शहर की एक नाबालिग लड़की से दोस्ती की और विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन कराने अलीगढ़ आया हुआ था. इस दौरान कुछ अराजक तत्वों ने युवक की पिटाई भी की थी.