कश्मीर में पिछले साल नौ अप्रैल को सेना ने फ़ारूक़ को पत्थरबाज़ बताते हुए जीप की बोनट से बांधकर कई गांवों में घुमाया था. घटना के एक साल बाद भी फ़ारूक़ अवसाद में हैं.
9 अप्रैल 2017 को सेना द्वारा जीप पर बांधकर घुमाए गए फ़ारूक़ अहमद डार साल भर बाद भी अपनी सामान्य ज़िंदगी में लौटने के लिए जूझ रहे हैं.
कश्मीर के हालात अब न सैनिकों के लिए अच्छे रह गए हैं, न वहां की जनता के लिए. दोनों के मन में एक-दूसरे के प्रति संदेह का पहाड़ खड़ाकर कर दिया गया है जो रास्ता छोड़ने को तैयार नहीं.
गुजरात चुनाव राउंड अप: राहुल ने राफेल विमान सौदे पर उठाए सवाल, सीतारमण ने कहा, कांग्रेस अलगाववादियों की भाषा बोलती है और सेना का मनोबल गिराती है.
जन गण मन की बात की 145वीं कड़ी में विनोद दुआ राजस्थान सरकार के विवादित विधेयक और अपराधी नेताओं पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 144वीं कड़ी में विनोद दुआ सरदार पटेल पर पीएम मोदी के भाषण और मुंबई में पुल बनाने के लिए सेना बुलाने के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं
उत्तर दिल्ली नगर निगम 2794 रुपये के बजट घाटे से जूझ रहा है. इस संस्था ने इस साल रामलीला मैदान से 21 लाख रुपये कमाए हैं और 10 लाख और कमाने की उम्मीद है.
वन रैंक-वन पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर पूर्व सैन्यकर्मी जंतर-मंतर पर दो साल से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे थे.
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर हमारी ख़ुद की ग़लतियों की वजह से पाकिस्तान अनिवार्य तीसरा पक्ष बन गया है.
जब आतंकवाद के चलते कश्मीर से बड़ी संख्या में हिंदू पलायन कर रहे थे तब भी कुछ परिवारों ने घाटी में रहने का फैसला किया था.
कश्मीरी पुलिसकर्मी अपने पेशे के चलते आतंकियों के लिए घृणा का पात्र बन जाते हैं वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी फिक्र करता कोई नहीं दिखता.
2010 के माछिल फर्ज़ी मुठभेड़ मामले में दोषी पाए गए पांच जवानों की आजीवन कारावास की सज़ा पर रोक लगाते हुए सैन्य बल न्यायाधिकरण ने उन्हें ज़मानत दे दी है.
भारतीय सशस्त्र बल के 114 पूर्व सैनिकों ने हाल ही में संविधान में बताए गए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों के उलट देश में हुई हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है.
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अनुसंधान की कमी पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि आज तक देश अपने सशस्त्र बलों के लिए एक ढंग की राइफल भी विकसित नहीं कर सका है.
अगर नरेंद्र मोदी भूटान पर पड़ रहे दवाब को कम करके चीन द्वारा पेश किए जा रहे क़ानूनी तर्कों पर ध्यान लगाएं, तो वे ख़ुद को भारत-चीन सीमा विवाद को जल्दी सुलझाने की स्थिति में पाएंगे.