करणी सेना ने प्रधानमंत्री से मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए एक दिसंबर को बंद का आह्वान किया. कोटा के सिनेमाघर में तोड़फोड़.
31 सदस्यीय जीएसटी परिषद में एक भी महिला सदस्य न होने पर भी अदालत ने नाराज़गी जाहिर की.
कुंवर नारायण के काव्य में अवध की विद्रोही चेतना, गंगा जमुनी तहजीब, नए-पुराने के बीच समन्वय और भौतिकता व आध्यात्मिकता के बीच समन्वय की सोच विद्यमान है.
जन गण मन की बात की 150वीं कड़ी में विनोद दुआ देश में स्वास्थ्य की स्थिति और अबुल कलाम आज़ाद पर चर्चा कर रहे हैं.
वहीं फिल्म एस दुर्गा के निर्देशक ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह के अधिकारियों के ख़िलाफ़ दायर की केरल हाईकोर्ट में याचिका.
हम भी भारत की नवीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी दिल्ली में मज़दूरों के महापड़ाव पर जेएनयू के प्रोफेसर प्रवीन झा और सेंटर आॅफ इंडियन ट्रेड यूनियंस की राष्ट्रीय अध्यक्ष के. हेमलता के साथ चर्चा कर रही हैं.
हिंदी के कुछ लेखकों की भारतीयता वैश्विकता विरोध में चली गई है. कुंवर नारायण के साथ ऐसा नहीं है. वे पूर्व-पश्चिम का कोई द्वंद्व न देखते हैं, न दिखाते हैं. उनके यहां ‘कोई दूसरा नहीं’ है.
कई बार पत्र-पत्रिकाओं के लेख आपको बता सकते हैं कि हमारे सपनों का झारखंड सपने से भी आगे जा चुका है पर इस सपने की सच्चाई देखनी हो तो गांव की पगडंडी पर आइये.
सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट को मामले की स्थिति रिपोर्ट सौंपते हुए बताया कि जांच के सिलसिले में ज़ब्त जेएनयू के नौ छात्रों के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट आनी बाकी है.
ज्ञानपीठ और पद्मभूषण से सम्मानित कुंवर नारायण जुलाई महीने में ब्रेन हेमरेज के बाद से कोमा में थे.
एनजीटी ने बोर्ड से पूछा कि तीर्थयात्रियों को बुनियादी सुविधाएं देने के बजाय व्यावसायिक गतिविधियों को तवज्जो क्यों दी जा रही है.
गुजरात चुनाव राउंड अप: चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापन में ‘पप्पू’ शब्द के इस्तेमाल पर लगाई रोक. यशवंत सिन्हा ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा तुगलक ने भी की थी नोटबंदी.
ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार से अलग राज्य बनने के बाद लगा था कि झारखंड आर्थिक समृ़द्धि की नई परिभाषाएं गढ़ेगा लेकिन 17 साल बाद भी राज्य से कथित भूख से मरने जैसी ख़बरें ही सुर्खियां बन रही हैं.
जन गण मन की बात की 149वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था में नकद की वापसी और जवाहरलाल नेहरू पर चर्चा कर रहे हैं.
मानवाधिकार संस्था फ्रीडम हाउस ने अपने अध्ययन में आॅनलाइन आज़ादी के मामले में भारत को आंशिक स्वतंत्रता वाले देश में शामिल किया है.