साल 2012 में हिमाचल प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार बीते दिनों लागू हुए नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून जैसा एक क़ानून लाई थी, जिसे हाईकोर्ट द्वारा असंवैधानिक और मौलिक अधिकारों का हनन बताते हुए उस पर रोक लगा दी गई थी.
इस विधेयक को पिछले साल 30 अगस्त को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पारित किया गया था और राज्यपाल की मंज़ूरी मिली थी. इस धर्मांतरण विरोधी क़ानून में सात साल तक की कड़ी सज़ा का प्रावधान है जबकि पुराने हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता क़ानून, 2006 के तहत तीन साल की सज़ा का प्रावधान था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि हम ये समझने में असमर्थ हैं कि जब क़ानून दो व्यक्तियों, चाहे वो समलैंगिक ही क्यों न हों, को साथ रहने की अनुमति देता है, तो फिर न तो कोई व्यक्ति, न ही परिवार और न ही सरकार को दो लोगों के संबंधों पर आपत्ति होनी चाहिए, जो अपनी इच्छा से साथ रह रहे हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से मुलाकात कर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ के मामलों में कथित तौर पर बढ़ोतरी समेत महिला सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की थी. जिसके बाद विवाद शुरू हुआ. इस बीच सोशल मीडिया पर उनके तमाम पुराने ट्वीट साझा किए जाने लगे, जो प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के ख़िलाफ़ थे.
उच्च न्यायालय ने अंतरधार्मिक विवाह के मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि यह आदेश नहीं बल्कि सुझाव है.