तिरुनेल्वेली की एम. सुंदरनर यूनिवर्सिटी के वीसी ने बताया कि उन्हें एबीवीपी से शिकायत मिली थी कि बीए के पाठ्यक्रम में शामिल बुकर पुरस्कार विजेता अरुंधति रॉय की किताब 'वॉकिंग विद द कॉमरेड्स' में लेखक के माओवादी इलाकों में जाने को लेकर विवादित कंटेट है, जिसके बाद इसे सिलेबस से हटा दिया गया.
इस साल जुलाई में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया षणमुगम की की सोसाइटी में रहने वाली 62 वर्षीय एक महिला ने उनके ख़िलाफ़ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी और दरवाजे पर पेशाब करने का आरोप लगाया था. हालांकि बाद में उन्होंने यह शिकायत वापस ले ली थी.
पीड़ित परिवार का कहना है कि दबाव में यह शिकायत वापस ली गई है. पुलिस ने शिकायत वापस लेने से कुछ घंटे पहले ही एबीवीपी अध्यक्ष के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी.
महिला और एबीवीपी के अध्यक्ष के बीच पार्किंग को लेकर विवाद हुआ. महिला ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज और कुछ तस्वीरें दी हैं, जिसमें कथित तौर पर एबीवीपी अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया षणमुगम महिला के घर के दरवाज़े पर पेशाब करते दिख रहे हैं.
त्रिपुरा यूनिवर्सिटी के कुलपति विजयकुमार लक्ष्मीकांतराव धारुरकर इससे पहले पिछले महीने तब विवादों में घिर गए थे जब कैंपस में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एबीवीपी का झंडा फहराया था और कहा था कि एबीवीपी एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन है और यह किसी भी पार्टी से संबंधित नहीं है.
एनआरसी के प्रकाशन को आगे बढ़ाने की मांग करते हुए एबीवीपी ने कहा कि वर्तमान सूची में बहुत से मूल निवासियों के नाम छूटे हैं और अवैध प्रवासियों के नाम जोड़े गए हैं. जब तक इसे दोबारा सत्यापित कर सौ फीसदी 'त्रुटिहीन' नहीं बनाया जाता, इसका प्रकाशन नहीं होना चाहिए.
त्रिपुरा यूनिवर्सिटी के कुलपति विजयकुमार लक्ष्मीकांतराव धारुरकर का कहना है कि एबीवीपी एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन है और यह किसी भी पार्टी से संबंधित नहीं है.
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ट्विटर पर अपने नाम के साथ चौकीदार जोड़ने के बाद 2016 में लापता हुए छात्र नजीब अहमद की मां फ़ातिमा नफ़ीस ने उनसे पूछा कि देश की सर्वोच्च एजेंसियां क्यों नजीब को ढूंढने में नाकाम रहीं.
कर्नाटक के वाचना पितामह डॉ. पीजी हलकट्टी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी के प्रोफेसर संदीप वथार ने फेसबुक पोस्ट में भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर भाजपा सरकार की आलोचना की थी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सराहना की थी.
कुलपतियों के कारनामे अब देश के विश्वविद्यालयों का मौसम बन गए हैं. विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठा और गुणवत्ता दोनों पर दाग लग रहे हैं. बड़बोलेपन में राजनीतिक नेताओं को भी मात करने वाले कुलपतियों के ही कारण देश के कई बड़े और श्रेष्ठ उच्च शिक्षण संस्थान इन दिनों बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं.
साक्षात्कार: मध्य प्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेता सरताज सिंह ने पिछले दिनों पार्टी से अपना चार दशकों पुराना संबंध तोड़ लिया और कांग्रेस में शामिल हो गए. सरताज सिंह भाजपा से पांच बार सांसद रहे थे और दो बार विधायक. वे केंद्र और राज्य सरकारों में मंत्री भी रहे. कभी कोई चुनाव हारे नहीं. इस बार वे मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा के सामने कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. उनसे दीपक गोस्वामी की बातचीत.
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष अंकिव बैसोया ने फ़र्ज़ी डिग्री विवाद को लेकर 15 नवंबर को इस्तीफ़ा दे दिया था. दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए दोबारा चुनाव कराने से इनकार किया.
एबीवीपी ने छात्रसंघ अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने को कहा. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष अंकिव बैसोया की तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय से बीए डिग्री को एनएसयूआई ने फ़र्ज़ी डिग्री बताकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
सीनेट चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा काटा. आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
देश के झंडे को भी क्यों सांप्रदायिक आधार पर बांटा जा रहा है? क्या हम लड़ते-लड़ते इतने दूर आ गए हैं कि देश के झंडे का भी बंटवारा कर देंगे?