अमेरिकी कांग्रेस की एक स्वतंत्र शोध इकाई कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार देश की नागरिकता संबंधी प्रक्रिया में धार्मिक पैमाने को जोड़ा गया है. संघीय सरकार की एनआरसी की योजना को संशोधित नागरिकता कानून के साथ लाने से भारत के लगभग 20 करोड़ मुस्लिम अल्पसंख्यकों का दर्जा प्रभावित हो सकता है.
अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने भारत से अनुरोध किया है कि वह अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखते हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे.