बिहार में एसडीएम से बदसलूकी पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज होने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर में न तो फायरिंग रेंज है और न ही बाउंड्री वॉल है. इसके साथ ही यहां कोई स्थायी संरचना भी नहीं है.
समझौता एक्सप्रेस मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि अभियोजन कई गवाहों से पूछताछ और उपयुक्त सबूत पेश करने में नाकाम रहा इसलिए मजबूरन आरोपियों को बरी करना पड़ा. जब एनआईए जैसी शीर्ष जांच एजेंसी एक भयानक आतंकी हमले के हाई-प्रोफाइल मामले में इस तरह बर्ताव करती है, तो देश की जांच और अभियोजन व्यवस्था की क्या साख रह जाती है?
भारत सरकार यूं तो कहती है कि आतंकवादी कहीं छिपा हो वह उसे निकाल लाएगी, लेकिन इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री का कहना था कि क्यों सरकार आगे की अदालत में इस फैसले के ख़िलाफ़ अपील करे? जिसे करना हो करे, सरकार क्यों करे? इससे क्या फायदा होगा?
गृह सचिव राजीव गौबा का कहना है कि केंद्र सरकार ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत यह फैसला किया है. जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के ख़िलाफ़ 37 एफआईआर दर्ज हैं.
भाजपा ने आम चुनाव में राष्ट्रवाद और पाकिस्तान से ख़तरे को मुद्दा बनाने का मंच सजा दिया है. वो चाहती है कि विपक्ष उनके उग्रता के जाल में फंसे, क्योंकि विपक्षी दल उसकी उग्रता को मात नहीं दे सकते. विपक्ष को यह समझना होगा कि जनता में रोजगार, कृषि संकट, दलित-आदिवासी और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार जैसे मुद्दों को लेकर काफी बेचैनी है और वे इनका हल चाहते हैं.
असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की सराहना करने पर राज्य में 130 लोगों को गिरफ़्तार किया गया.
इन 11 लोगों को बाबरी मस्जिद गिराए जाने का बदला लेने की साज़िश रचने और आतंकी प्रशिक्षण हासिल करने के लिए वर्ष 1994 में टाडा कानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
पाकिस्तान का दायित्व है कि वो अपनी ज़मीन पर पनप रहे आतंकी समूहों के ख़िलाफ़ कदम उठाए. प्रधानमंत्री इमरान खान को यह समझना होगा कि उनके ऐसा न करने की स्थिति में बातचीत के प्रस्ताव से कुछ हासिल नहीं होगा.
भारत-पाकिस्तान तनाव पर गीतकार जावेद अख़्तर ने कहा कि यह स्थिति पाकिस्तान के निरंतर आतंकवाद का समर्थन करने से उपजी है.
पाकिस्तान के सांप्रदायिक एजेंडे के लिए नरेंद्र मोदी की एक और जीत से अच्छा कुछ नहीं हो सकता है. उनकी नीतियों ने पाकिस्तानियों को यह यक़ीन दिलाने का काम किया है कि भारत में मुस्लिम कभी भी सुरक्षित नहीं रह सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में जघन्य और कायरान तरीके से हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसमें भारत के अर्धसैनिक बल के 40 जवान शहीद हो गए थे और इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के विचारों को धैर्य से सुना गया होता, उस पर सोचा गया होता और उनकी राजनीतिक साख पर विचार किया गया होता तो उनके ख़िलाफ़ ऐसा निराश और हताश करने वाला दुष्प्रचार न चला होता.
राष्ट्र के नाम पैगाम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक वीडियो संदेश में कश्मीर में गुरुवार हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत के आरोपों पर प्रतिक्रिया की.
मीडिया बोल की 86वीं कड़ी में उर्मिलेश पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले पर हो रही चुनावी राजनीति पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और स्मिता शर्मा से चर्चा कर रहे हैं.