कुडनकुलम प्लांट में लगाई गई सेंध की जानकारी 28 अक्टूबर को तब सामने आई जब एक ऑनलाइन मालवेयर स्कैनिंग सर्विस वायरसटोटल डॉट कॉम पर प्लांट के डाटा को दिखाया गया.
इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की इसरो की योजना बेशक पूरी नहीं हो सकी हो लेकिन इसका ‘गगनयान’ मिशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
चांद पर उतरते समय चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ से इसरो का संपर्क टूट गया था. मीडिया बोल के इस अंक में इससे जुड़े मीडिया कवरेज पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश दिल्ली साइंस फोरम के वैज्ञानिक डी. रघुनंदन और खगोल वैज्ञानिक अमिताभ पांडेय से चर्चा कर रहे हैं.
इसरो ने कहा कि ‘चंद्रयान-2’ का लैंडर ‘विक्रम’ चांद की सतह पर साबुत अवस्था में है और यह टूटा नहीं है. हालांकि, ‘हार्ड लैंडिंग’ की वजह से यह झुक गया है तथा इससे पुन: संपर्क स्थापित करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है.
चंद्रमा की सतह पर उतरते समय विक्रम लैंडर का संपर्क टूट गया था. संपर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था.
स्वदेशी तकनीक से निर्मित चंद्रयान-2 को ‘विक्रम’ लैंडर और ‘प्रज्ञान’ रोवर के साथ बीते 22 जुलाई को रवाना किया गया था. ‘विक्रम’ लैंडर का नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए. साराभाई के नाम पर रखा गया है.
चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को लॉन्च किया गया था. इसरो ने कहा कि लैंडर ‘विक्रम’ 2 सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा.
केंद्र सरकार ने 130 से ज्यादा मालमों की समीक्षा के बाद विभिन्न श्रेणियों में नेताओं और सांसदों की सुरक्षा में कटौती की है. यह फैसला खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने खतरे के आकलन के आधार पर यह लिया है.
स्वदेशी तकनीक से निर्मित 3,850 किलोग्राम वज़नी चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा. इसरो के अनुसार यहां अब तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. सितंबर के पहले सप्ताह में चंद्रयान-2 के चांद पर उतरने की उम्मीद है.
जीएसएलवी मार्क-III के ज़रिये होने वाला चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 14 जुलाई देर रात 2:51 बजे होना था, लेकिन तकनीकी ख़राबी के कारण इसे रोक दिया गया था.
इसरो ने इससे पहले प्रक्षेपण की तारीख जनवरी के पहले सप्ताह में रखी थी, लेकिन बाद में इसे बदलकर 15 जुलाई कर दिया था. चंद्रयान-2 को जीएसएलवी एमके III रॉकेट के जरिये चांद पर ले जाया जाना था.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बजट में पिछले वित्त वर्ष की आवंटित राशि के मुकाबले इस बार 101 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. वहीं, अंतरिक्ष विभाग के बजटीय आवंटन में पिछले वित्त वर्ष की आवंटित राशि के मुकाबले इस बार 1273 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है.
शनिवार को केरल पहुंचे भाजपा अध्यक्ष की मौजूदगी में इसरो के पूर्व प्रमुख जी. माधवन नायर और सबरीमाला का प्रबंधन देखने वाले त्रावणकोर देवासम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जी. रमन नायर समेत पांच लोगों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.
पूर्व इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन का कहना है कि इसरो जासूसी मामला 20 अक्तूबर 1994 को मालदीव की नागरिक मरियम रशीदा की गिरफ्तारी के समय से ही झूठा था. उस समय नारायणन इसरो की क्रायोजनिक परियोजना के निदेशक थे.
1994 में हुए इसरो जासूसी कांड में वैज्ञानिक नंबी नारायणन की ग़ैर-क़ानूनी गिरफ़्तारी के लिए सीबीआई ने केरल पुलिस के अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया था. शीर्ष अदालत ने इन अधिकारियों के ख़िलाफ़ जांच आदेश देते हुए केरल सरकार से नारायणन को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है.