दिल्ली में उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ाने वाले राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा से पास हो गया. इस विधेयक में दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में ‘सरकार’ का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से होगा. राज्यसभा में कम से कम 12 दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है.
दिल्ली में उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ाने वाले राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक को लोकसभा में मिली मंज़ूरी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे 'जनता का अपमान' कहा, वहीं विपक्ष ने केंद्र पर दिल्ली में पिछले दरवाजे से शासन चलाने का आरोप लगाया है.
वीडियो: साल 2020 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज कर ये साबित कर दिया था कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से कोई नहीं जीत सकता, लेकिन 16 मार्च, 2021 को भाजपा ने राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक, 2021 लाकर केजरीवाल सरकार को सत्ता में होकर भी सत्ता से दूर कर दिया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधेयक को संविधान पीठ के फैसले के विपरीत बताते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि वह उनकी चुनी हुई सरकार की शक्तियों को बहुत कम करना चाहती है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली चुनाव में बुरी तरह हराने के बाद भाजपा अब पिछले दरवाज़े से दिल्ली पर शासन करने की कोशिश कर रही है.
दिल्ली सरकार के इस फैसले पर पटाखा कारोबारियों ने कहा कि वे उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात करेंगे और इस संबंध में राहत देने का अनुरोध करेंगे. उधर, दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सरकारी, निजी कार्यालयों तथा अन्य प्रतिष्ठानों को कम से कम 30 प्रतिशत गाड़ियों का इस्तेमाल घटाने का सुझाव दिया है.
दिल्ली सरकार ने इससे पहले दिल्ली पुलिस द्वारा सुझाए गए वकीलों के नामों को स्वीकार करने से मना कर दिया था. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सरकार के आदेश को ख़ारिज करते हुए पुलिस द्वारा भेजे गए वकीलों के नाम स्वीकार करने को कहा.
दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक में वकीलों की नियुक्ति के संबंध में दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को नामंज़ूर करते हुए कहा कि दंगा मामले में पुलिस की जांच को अदालत ने निष्पक्ष नहीं पाया है, इसलिए पुलिस के पैनल को मंज़ूरी दी गई, तो मामलों की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो पाएगी.
हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि देरी से वेतन देना नॉर्थ एमसीडी के अस्पतालों में चलन बन गया है. बीते कुछ समय में हिंदू राव के अलावा नॉर्थ एमसीडी के राजन बाबू टीबी अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल और गिरधारी लाल मैटरनिटी अस्पताल में तनख़्वाह में देरी को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो चुके हैं.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले हिंदू राव अस्पताल की नर्सों, लैब तकनीशियनों और पैरामेडिकल कर्मचारियों ने तीन महीने का वेतन नहीं मिलने पर धरना दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अगले सप्ताह तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपनी सेवाएं समाप्त कर देंगे.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले कस्तूरबा गांधी और हिंदू राव समेत अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा तीन महीने से अधिक समय से वेतन नहीं मिलने की शिकायतों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले अस्पतालों में काम करने वाले क़रीब 3,000 डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को तीन महीने से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है. डॉक्टरों के विभिन्न संगठन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पत्र लिख चुके हैं.
दिल्ली में कोविड मरीज़ों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं न होने की कांग्रेस नेता अजय माकन की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एनएचआरसी ने कहा है कि वह समझते हैं कि यह मरीज़ों-डॉक्टरों, सरकारी एजेंसियों आदि सभी के लिए अप्रत्याशित स्थिति है, लेकिन हरसंभव प्रयास किए बिना नागरिकों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता.
बीते मार्च महीने में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा था कि अगर हमें पता ही नहीं होगा कि कौन संक्रमित है तो हम इस महामारी को नहीं रोक सकते. उन्होंने कोरोना वायरस से बचने के लिए अधिक से अधिक टेस्ट करने की ज़रूरत पर बल दिया था, लेकिन वर्तमान में भारत में डब्ल्यूएचओ की इस सलाह के उलट होता दिख रहा है.
रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पताल केवल दिल्ली के ही रहवासियों का इलाज करेंगे. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इसे पलटते हुए प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करे कि रहवासी होने के आधार पर किसी भी मरीज़ को इलाज के लिए मना न किया जाए.
पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने दिल्ली में कथित तौर पर सरकारी ज़मीनों पर अवैध रूप से बने 50 से अधिक मस्जिदों, क़ब्रिस्तानों और मदरसों की सूची उपराज्यपाल को सौंपी है.