उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतन लाल हंगलू वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर 2016 से निगरानी में थे. उन्हें यौन उत्पीड़न की शिकायतों को उपयुक्त ढंग से नहीं निपटाने और छात्राओं के लिए शिकायत निवारण प्रणाली की कमी को लेकर पिछले सप्ताह राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी तलब किया था.
जेएनयू की हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी पर छात्रों के प्रदर्शन के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित समिति का सुझाव है कि फंडिंग के लिए अन्य वैकल्पिक स्रोत खोजे जाने चाहिए.
इसमें से 14 मामले अकेले आईआईटी गुवाहाटी से सामने आए हैं. हाल ही में आईआईटी मद्रास में फातिमा लतीफ नाम की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली, जिसे लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए थे.
नए फैसले के अनुसार, सिंगल रूम का किराया 200 रुपये जबकि डबल रूम का किराया 100 रुपये होगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सहायता मुहैया कराएगा.
फीस वृद्धि, कर्फ्यू के वक्त और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों को वापस लिए जाने की मांग करने वाले छात्रों पर की गई बर्बर पुलिसिया कार्रवाई की निंदा करते हुए जेएनयू शिक्षक संघ ने कुलपति के इस्तीफे की मांग की.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों की मांग है कि मसौदा छात्रावास मैनुअल को वापस लिया जाए, जिसमें उनके अनुसार फीस वृद्धि, कर्फ्यू का वक्त और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों का प्रावधान है.
टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग की संपादक एली बोथवेल ने कहा कि इस साल की शीर्ष 300 वैश्विक विश्वविद्यालयों की सूची से भारत का बाहर होना और सिर्फ मुट्ठी-भर संस्थानों का प्रगति करना काफी निराशाजनक है.
जेएनयू में एबीवीपी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्ली से भाजपा के सांसद हंसराज हंस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए काफी कुछ किया है और उनके काम के कारण ही मैंने कहा कि जेएनयू का नाम बदलकर 'मोदी नरेंद्र यूनिवर्सिटी' रखा जाना चाहिए.
मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान यह टिप्पणी की. वे भाजपा के एसपी सिंह बघेल की टिप्पणी का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने कहा था कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आंध्र प्रदेश में जो जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित होने जा रहा है, वो दूसरा जेएनयू न बन पाए.
केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों को जारी दिशानिर्देश के अनुसार सभी छात्रों के ट्विटर/फेसबुक/इंस्टाग्राम अकाउंट्स को मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जोड़ना होगा. हालांकि, इस पर विवाद होने के बाद मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह अनिवार्य न होकर वैकल्पिक है.