महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को हुए बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी और 101 से अधिक घायल हो गए थे. भोपाल से भाजप सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर मामले की मुख्य आरोपी हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एल्गार परिषद के कथित माओवादी संपर्क मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत की अवधि चार सप्ताह के लिए बढ़ा दी ताकि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकें.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि ‘लव जिहाद’ शब्द मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं है. संविधान का अनुच्छेद 25 किसी भी धर्म को स्वीकारने, उस पर अमल करने और उसका प्रचार-प्रसार करने की आजादी देता है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच एनआईए को सौंपे जाने के बाद एजेंसी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में इस मामले में गिरफ़्तार नौ सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों के साथ सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा और प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बड़े को भी आरोपी बनाया गया है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने दीवानी मुकदमा दायर करते हुए 2008 के राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की है. एडवोकेट जनरल सतीश वर्मा ने कहा कि एनआईए द्वारा राजनीतिक रूप से जुड़े चुने हुए मामलों की जांच करने के कारण उन्हें याचिका दाखिल करनी पड़ी.
विशेष अदालत ने उनकी हिरासत 10 दिन बढ़ाने के लिए एनआईए की अर्जी खारिज कर दी. गोगोई को यूएपीए कानून के तहत 12 दिसंबर को जोरहाट से तब गिरफ्तार किया था, जब असम में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा था.
असम में नागरिकता क़ानून को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई को यूएपीए के तहत मामला दर्ज 12 दिसंबर को गिरफ़्तार किया गया था. असम की एक अदालत ने उन्हें 17 दिसंबर को 10 दिन की एनआईए की हिरासत में भेज दिया था.
राज्य में नागरिकता क़ानून को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच अखिल गोगोई को बीते गुरुवार को गिरफ़्तार किया गया था. शनिवार को दायर एफआईआर में एनआईए ने नए यूएपीए क़ानून के तहत मामला दर्ज करते हुए भाकपा माओवादी से संबद्ध बताया है.
भाजपा के लोग चाहे जो दिखावा करें, लेकिन प्रज्ञा ठाकुर भारत के लिए शर्मिंदगी का सबब हैं. वे संसद और इसकी सलाहकार समिति के लिए शर्मिंदगी की वजह हैं. और निश्चित तौर पर वे अपने राजनीतिक आकाओं के लिए भी शर्मिंदगी का कारण हैं. लेकिन शायद उन्हें इस शब्द का मतलब नहीं पता.
वीडियो: 2008 के मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति में शामिल किया गया है. 21 सदस्यों वाली समिति की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. वर्तमान में प्रज्ञा सिंह स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर बाहर हैं. आतंक के आरोपों की अभियुक्त प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की समिति के क्या मायने हैं, बता रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मालेगांव विस्फोट मामले की आरोपी भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस बयान के लिए वे प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कभी भी मन से माफ नहीं कर पाएंगे.
मोदी सरकार लोकतंत्र के जिन प्रतीकों को संजोने का दावा करती है, वह उन्हें ख़त्म कर चुकी है.
पद्मश्री से सम्मानित कॉर्डियोलॉजिस्ट उपेंद्र कौल कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के डॉक्टर हैं और उन्होंने मलिक को उनकी ब्लड रिपोर्ट के संबंध में कुछ टेक्स्ट मैसेज किए थे.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व निर्दलीय विधायक राशिद इंजीनियर से बीते कुछ दिनों से कश्मीरी अलगाववादियों द्वारा लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद सहित पाकिस्तान से पैसे लेकर घाटी में तनाव फैलाने के संबंध में पूछताछ की जा रही थी.
गृहमंत्री अमित शाह का दावा है कि पिछली सरकार ने हिंदू धर्म को आतंकवाद से जोड़ने के लिए असली दोषियों को छोड़ दिया था, यदि ऐसा है तो एनआईए उन्हें पकड़ने की दिशा में कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है?