कोलकाता में बीते मंगलवार को अपने रोड शो के दौरान हुई हिंसा के मीडिया कवरेज से आहत क्यों हैं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह?
एबीपी न्यूज़ ने आईआईटी बॉम्बे कैंपस से '2019 के जोशीले' नाम के एक कार्यक्रम को प्रसारित करते हुए 'आईआईटी बॉम्बे सपोर्ट्स मोदी' लिखा था. आईआईटी छात्रों का कहना है कि इस शो के 50 प्रतिभागियों में से 11 बाहरी लोग थे, जो मोदी सरकार के समर्थन में बोलने के लिए चैनल द्वारा लाए गए थे.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कहना है कि 22 फरवरी को एबीपी न्यूज़ और तिरंगा टीवी ने पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ ग़फ़ूर की प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रसारण किया था, जो प्रोग्राम कोड के प्रावधानों का उल्लंघन है.
पतंजलि के प्रवक्ता ने एबीपी समाचार चैनल से विज्ञापन हटाने की बात स्वीकारते हुए वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी और मिलिंद खांडेकर के इस्तीफ़े में हाथ होने से इनकार किया.
विशेष: वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी बता रहे हैं कि न्यूज़ चैनलों पर नकेल कसने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के भीतर बनाई गई 200 लोगों की ‘गुप्त फ़ौज’ क्या और कैसे काम करती है.
मीडिया संगठनों ने मीडिया मालिकों से सरकार के दबाव के सामने न झुकने का अनुरोध किया.
बेस्ट ऑफ 2018: अपने इस लेख में मास्टरस्ट्रोक कार्यक्रम के एंकर रहे पुण्य प्रसून बाजपेयी उन घटनाक्रमों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं जिनके चलते एबीपी न्यूज़ चैनल के प्रबंधन ने मोदी सरकार के आगे घुटने टेक दिए और उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा.
सूत्रों के अनुसार चैनल में हुए इन बदलावों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पिछले हफ्ते संसद भवन में कुछ पत्रकारों से कहते सुना गया था कि वे ‘एबीपी को सबक सिखाएंगे.’