यूरोपीय संसद की विदेश मामलों की समिति द्वारा एक रिपोर्ट में भारत में मानवाधिकार रक्षकों और पत्रकारों के लिए असुरक्षित कामकाजी माहौल, भारतीय महिलाओं और अल्पसंख्यक समूहों द्वारा सामना की जाने वाली कठिन परिस्थितियों और जाति आधारित भेदभाव के बारे में कई टिप्पणियां की गई हैं.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया के अनुसार, सितंबर 2015 से अब तक कथित रूप से हुए घृणा-आधारित अपराधों के कुल 721 मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या दलितों और मुसलमानों के ख़िलाफ़ हुए अपराधों की है.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया की कार्यक्रम निदेशक अस्मिता बसु ने कहा कि अगर सरकार सज़ा के डर से मुक्त होने की भावना को खत्म नहीं करती और दोषियों को सजा नहीं दिलाती तो राज्य में स्वघोषित गोरक्षक समूहों के हमले और बढ़ेंगे.