बैंक अधिकारी और कर्मचारी केवल अपनी सेवा शर्तों में सुधार और अधिक वेतन के लिए ही प्रबंधन के सामने आते है, लेकिन जब ग़लत नीतियों से बैंक को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा होता है तब ये ख़ामोश रहते हैं.
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि साल 2017 में पीएनबी ने नीरव मोदी से जुड़ी कंपनियों के लिए लगभग 54 अरब रुपये के 150 फ़र्ज़ी एलओयू जारी किए.
सीबीआई जांच में पता चला है कि नीरव की टीम के पास बैंक के स्विफ्ट सिस्टम का पासवर्ड था, जो लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के लिए जरूरी है. नीरव के लाेग पीएनबी अधिकारी के तौर पर अवैध तरीके से स्विफ्ट सिस्टम में लॉग इन करते थे.
नोस्ट्रो एकाउंट की मॉनिटरिंग और स्विफ्ट मैसेजिंग सिस्टम की ख़ामियां जगजाहिर थीं. इनके दुरुपयोग के लिए बस नीरव मोदी जैसे शातिर दिमाग़ की ही ज़रूरत थी.